रविवार, 5 नवंबर 2017

सांझ भयो घर दियरा जरी रे लिरिक्स

सांझ भयो घर दियरा जरी रे
दियरा के चकमक हीरा जरी रे
कथी के दीप कथीक सूत-बाती
कथी के तेल जरय सारी राती
सोना के दीप पाटहि सूत-बाती
सरिसो के तेल जरय सारी राती
जरय लागल दीप झमकऽ लागल बाती
खेलऽ लगली संझा मइया चारूपहर राती

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