शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025

भरि राति जरैत छी दीप पिया लिरिक्स - Bhari Raati Jarait Chhi Lyrics

भरि राति जरैत छी दीप पिया 
साँझ रहियहि हम मिझाय गेलौं 
कनगुरियहि लागलि जाइत हम 
नहि जानि कोना भुतियाय गेलौं

भोरक फक भेल चान जकाँ 
गाठक टूटल पान जकाँ 
खूजल खोइछक धान जकाँ 
जँह तँह सगरी छिड़ियाय गेलौं

हम खढ थिकहुँ हम पात थिकहुँ 
हम बिसरल कोनहुँ बात थिकहुँ 
बिनु करुआरिक नाव जकाँ 
जेम्हरे तेम्हरे भसियाय गेलों

थाकि गेलहुँ चलिते-चलिते 
तारा डुबले गानिते-गानिते 
काजर बहले कनिते-कनिते 
हम अपनहि नोर नहाय गेलौं

पाथर रहितहुँ, रहबे करितहुँ 
हम काठक जान धुनाय गेलौं 
कह रवींद्र सब ठामक ठामहि 
हम माँझहिं ठाम बिलाय गेलौं ।

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