गुरुवार, 18 सितंबर 2025

हवा रे हवा चल मिथिला मे चल लिरिक्स - Chal Mithila Me Chal Lyrics

हवा रे हवा चल चल चल
चल मिथिला मे चल
जतय अनन्त वसन्त बसै यै
सुरभित आँखि तर

जन्म अछि जतए वरदान
श्मसानो पाबत सम्मान
मिथिला स्वयम सुसज्जा मंदिर
सोभथि चारु कोटि भगवान
जतए प्रवाहित सब सरिता में
उनमित सन निर्मल जल

जल देखय लै खेत खमार
होइतो श्रम दर्शन साकार
देखले हवा हऽर आ फार
जाहिसँ सीता केर अवतार
निरखि जकर अनुपम सुंदरता
रामो भेला बेकल

सहमल होयमे बात बात सँ
दर्शन होइतो सूर्य प्रभात सँ
परिचय होइतो स्वर्ग जात सं
तैं मिथिला के गाछ पात सँ
देह लगा कऽ शीश झुका कऽ
धरती के सटले चल।

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