चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चितचोरवा के आरती उतारू हे सखी
दुल्हिन श्री मिथिलेश दुलारी
दूल्हा दुलरुआ श्री अवध बिहारी
भरी भरी नैना निहारु हे सखी
चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
व्याह विभूषण अंग अंग साजे
मणि मंडप मंगलमय राजे
तन मन धन न्यौछारु हे सखी
चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
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