मैथिली विद्यापति शिव विवाह गीत
राजा हेमंत घर गौरी जनम लेल,
शिव लेल अंगुरी धराए
आँगूरी पकरि शिव कहाँ नेने जाय छियैन
कहाँ देबैन गौरी के बैसाय,
बसहा के पीठ शिव डोलिया बनौलनि
बाघम्बर देलनि ओढाय
मिलि लियौ मिलि लियौ सखी सब मिल लियौ
आब गौरी होयती बेजोड़
धन्य ही विद्यापति सुनु हे मनाईन
इहो थिका जगत व्यवहार
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