गुरुवार, 20 मई 2021

गौरी अहाँ के महेश लिरिक्स, मैथिली शिव नचारी - Gauri Ahan Ke Mahesh Lyrics

गौरी अहाँ के महेश । 
भरिसक छथि किछु मति के विशेष ।। 

अनका करथि शिव रंकसँ नरेश । 
अपना लै चाही भांग धथुर हमेश ।। 

गौरी कोना पोसथिन कातिक गणेश । 
सह-सह करै छनि विषधर शेष ।। 

घर परिवार के ने करै छथि उदेस ।
सेच ने फिकिर धयने जोगीके भेष ।। 

कहथिन स्नेह छथि एहने महेश । 
छोड़ता ने चालि सब, पाकल छनि केश ।।

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