-:होली गीत:-
होरी खेलथि सदाशिव गौरि,
शिखर पर फागुन मे।
डिम-डिम डिम डिम डमरू बजाबथि,
साँप रहल फन जोरी।
डंफ घहराय बाघ सुनि नाचय,
बसहा के फुजि गेल डोरी।
भांग-धथर पीबि सब सनकल,
भेल सभक मति अति भोरी ।
हिलि-मिलि रंग परस्पर डारथि,
गाबथि सब जन मिलि होरी।
स्नेहलता परबत के ऊपर,
होय रहल महा झिकझोरी ।
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