केकयी के पग छानी, पूछथि भरत कानी आहे
कि आहे माता, कियक भैया बनमा मांगलरे की।।
भाई निरमोही भेला, हमरो बिसरी गेला
कि आहे माता ममता कोना क हमर त्यागल रे की।।
जानकी, लखन धन, भइया संग गेला बन
कि आहे माता हुनके दूनू के भाग जागल रे की ।।
'लतिका सनेह कहे, आँखिया से नीर बहे
कि माता भाई बिनु भाई भेल पागल रे की।।
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