मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

मैथिली बटगबनी गीत लिरिक्स | Batgabani Geet Lyrics Maithili

Batgawani Maithili Song Lyrics in Hindi

● अवधि मास छल भादव सजनी गे Lyrics

अवधि मास छल भादव सजनी गे
निज कय गेला बुझाय
से दिन आबि तुलायल सजनी गे
धैरज धयल ने जाय

अति आकुल भेलि पहु बिनु सजनी गे
सुंदरी अति सुकुमारि
अकछि हिया पथ हेरथि सजनी गे
अजहु ने आयल मुरारि

खन-खन मदन दहो दिस सजनी गे
विरह उठय तन जागि
से दुख काहि बुझायब सजनी गे
बैसब ककर लग जागि

हरि गुण सुमिरि विकल भेल सजनी गे
के बूझत दुख मोर
विद्यापति कवि गाओल सजनी गे
अयला नन्द किशोर



● तरुणी बयस मोर बीतल सजनी गे Lyrics

तरुणी बयस मोर बीतल सजनी गे
पहु बिसरल मोर नाम
कुसुम फुलिय, फुल मौलल सजनी गे
भ्रमरो ने लय विश्राम

सिर सिन्दूर नहि भाबय सजनी गे
मुरूछि खसय एहि ठाम
उठइत परम बेयाकुल सजनी गे
दैव किए भेल बाम

कोकिल कुहुकि सुनाओल सजनी गे
नयन ढरकि खसु वारि
अधरस ओतय गमाओल सजनी गे
दय गेल सौतिन गारि

युगल नयन मन व्याकुल सजनी गे
थिर नहि रहय गेयान
विद्यापति कवि गाओल सजनी गे
ई थिक दुखक निदान



● पिअबा जे कहि गेल जेठ मास Lyrics

पिअबा जे कहि गेल जेठ मास आयब,
बीति गेल मास अखाढ़ सखि

बाट रे बटोहिया कि तोंही मोर भइया,
हमरो समाद नेने जाउ सखि
हमरो समदिया भइया पिया जी केँ कहि देब
धनी भेल अलप बएस सखि

बाट रे बटोहिया कि तोहीं मोर साला,
हमरो समाद नेने जाउ सखि
हमरो समाद साला धनी जी के कहि देब
छतबा देत एक भेजि सखि

घर पछुअरबामे डोमा एक भइया,
छतबा दैह एक बूनि सखि
नहि मोरा छैक सुन्दरि बाँस-बसुलिया,
नहि मोरा बुनहुक लूरि सखि

घोड़बा चढ़ल अबथिन एक रे मोसाफिर,
एक लोटा पानि पिआउ सखि
नहि मोरा छैक रेशमक डोरिया,
नहि मोरा भरहुक लूरि सखि

केये देलकह आहे गोरी नीले रंग सरिया,
केये देलकह चोली बूटेदार सखि
बाबा देलकै आहो मोसाफिर नीले रंग सरिया
भइया देलकै चोली बूटेदार सखि

हमरो पुदारि किए करै छी मोसाफिर,
हमरहु भेल बिआह सखि
हमरो बालमु जी केँ मुठी एक डांर छनि
जइसे चलय अंगरेज सखि



● प्रथमहि गेल धनि प्रीतम Lyrics

प्रथमहि गेल धनि प्रीतम पास सजनी गे
हिरदय अधिक भेल लाज सजनी गे

ठाढ़ि भेलि अंगो ने डोलय सजनी गे
मुरती सन मुखहु ने बोल सजनी गे

कर दुहु धाय पहु बैसाय सजनी गे
रूसि रहल धनि मदन जगाय सजनी गे

भनहि विद्यापति सब जन जानय
पुरुषक नहि किछु आस सजनी गे



● चन्द्रवदनि नवकामिनि सजनी गे Lyrics

चन्द्रवदनि नवकामिनि सजनी गे
यामिनि अति अन्हियारि सजनी गे
सखि संग केलिगृह सजनी गे
कर पंकज दीप बारि सजनी गे

पवन झकोर जोर बहु सजनी गे
तैँ धरू आँचर झाँपि सजनी गे
देखि उर अति सुन्दर सजनी गे
दीप राशि उठू काँपि सजनी गे

जाइत दखल पथ नागरि सजनी गे
आगरि सुबुधि सेआनि सजनी गे
कनकलता सन सुन्नरि सजनी गे
विधि निरमाओल आनि सजनी गे

गजगामिनि जकाँ चलइत सजनी गे
देखइत राजकुमारि सजनी गे
जनिका एहन सोहागिन सजनी गे
पाओल पथ चारि सजनी गे

नील वसन सन घेरल सजनी गे
सिर लैत चिकुर सम्हारि सजनी गे
भ्रमर लोभित रस पीबय सजनी गे
बैसल पाँखि समारि सजनी गे



● कमल-कली कोना तेजल Lyrics

कमल-कली कोना तेजल सजनी गे
पहुन छथि देशक दूर सजनी गे

राखल पान सुबासल सजनी गे
अपनहि लेल पहु कोर सजनी गे

ठाढ़ि छलहुँ हम कदम तर सजनी गे
तरु दूसल मोर मूह सजनी गे

नयनक काजर स्याही भेल सजनी गे
अपनहि हाथ सऽ लिखब सजनी गे

चारू कात लीखब कुशल सजनी गे
बीचमे अपन वियोग सजनी गे



● कि कहू पहुन परदेश गेल Lyrics

कि कहू पहुन परदेश गेल सजनी गे
आहे सखि किछु ने सोहाय सजनी गे

फूल केश नीर बहु सजनी गे
काजर गेल दहाय सजनी गे

कंगन बसन भार भेल सजनी गे
यौवन भेल उतफाल सजनी गे

आंगन मोरा लेखे बिजुबन सजनी गे
घर भेल दिवस अन्हार सजनी गे

जौं प्रीतम नहि आओत सजनी गे
मरब जहर-बिख खाय सजनी गे



● तरुणी वयस पहु तेजल Lyrics

तरुणी वयस पहु तेजल सजनी गे
नहि लेल खोज हमार सजनी गे
कानि-कानि पत्र हम लिखल सजनी गे
तइयो ने पहु देथि जबाब सजनी गे

ठाढ़ि छलहुँ हम कदम तर सजनी गे
लोक सभ देखि-देखि जाय सजनी गे
जिनकर एहन सोहागिन सजनी गे
से पुरुष केहन कठोर सजनी गे

कथि लए कनै छी सुंदरी गे
कोन दुख पड़ल तोहार सजनी गे
हमर पिया परदेश गेल सजनी गे
तैं हम कनइ छी ठाढ़ि सजनी गे

कोन शहर बसु पहु तोर सजनी गे
किय थिक हुनकर नाम सजनी गे
हमरो के इहो बताय दिअ सजनी गे
हम करब हुनिकर खोज सजनी गे

कलकत्ता शहर छै बंगालमे सजनी गे
तहिठाम छथि पहु मोर सजनी गे
अपनहि हाथ एक पत्र लीखू सजनी गे
से हम देबनि देखाय सजनी गे

ताही सबूते पिया आओत सजनी गे
पूरत तोहर मनकाम सजनी गे
चारूकात लीखल विरह-बात सजनी गे
बीचहि धनिक बएस सजनी गे

आनक प्रेम कतेक दिन सजनी गे
फेरु हएत हमरहि आस सजनी गे
इहो पत्र पढ़लनि पिया जब सजनी गे
तुरतहि भेला विदा सजनी गे

हमर धनी एहन भेल सजनी गे
हमरा अछि अनकर आस सजनी गे
जखन पहु मोरा आयल सजनी गे
धनी केर करथि पुछारि सजनी गे

अपन धनी सन किछु नहि सजनी गे
फेर ने जायब ओहि देश सजनी गे
भनहि विद्यापति गाओल सजनी गे
धनी सन किछु नहि होय सजनी गे



● जखन चलल पहु घरमे Lyrics

जखन चलल पहु घरमे सजनी गे
डरे भेलहुँ बेहोस सजनी गे
तखन घोघ पहु खोलल सजनी गे
आँखिक काजर दहायल सजनी गे
धीरे-धीरे पहु मोर पुछलनि सजनी गे
कते थिक अहाँक उमेर सजनी गे
तखन हम किछु बाजल सजनी गे
हम थिकौं सोलह बएस सजनी गे
पहु मोर कोर कए लेलनि सजनी गे
तखनहि मेटल मोर डर सजनी गे
भनहि विद्यापति गाओल सजनी गे
पुरुषक एहने संयोग सजनी गे



● सूतलि छलहुँ हम एकसरि Lyrics

सूतलि छलहुँ हम एकसरि सजनी गे
निन्दमे उठल चेहाय सजनी गे
सपनामे देखल पहु आयल सजनी गे
तखने टुटल मोर निन्द सजनी गे
देखल कहाँ पहु मोर सजनी गे
ककरा कहब बुझाइ सजनी गे
के कहत मोर दिल के बतिया
के मोहि करत दुलार सजनी गे
हमर अभाग केहन थिक सजनी गे
हुनकहि किए देब दोख सजनी गे
भनहि विद्यापति सुनू सजनी गे
स्वप्नक नहि बिसबास सजनी गे



● काँच कली पहु तोड़थि Lyrics

काँच कली पहु तोड़थि सजनी गे
लए कोरा बैसाय सजनी गे
अधर सुरा सम पीबथि सजनी गे
यौबन देखि लोभाय सजनी गे
लए भुजपास बान्हि सुनू सजनी गे
जखन करथि बरजोरि सजनी गे
तखनुक गति की कहिय सजनी गे
पहु भेल कठिन कठोर सजनी गे
नहि नहि जौं हम भाखिय सजनी गे
तौं राखय मन रोख सजनी गे



● बहिना कोना कऽ कटबै साओन राति Lyrics

बहिना कोना कऽ कटबै साओन राति
अन्हरिया पिया छै नोकरिया ना

एक तऽ राति अन्हारि, सूझय आ ने दुआरि
बहिना कोना कऽ सुतबै पिया के पलंगिया
पिया छै नोकरिया ना

सखी सब झुमि-झुमि गाबय गीत,
दूर हम्मर मोनक मीत
बहिना बीतल जाई छै काँच उमेरिया
पिया छै नोकरिया ना



● जखन गगन घन गरजत Lyrics

जखन गगन घन गरजत सजनी गे
सुनि हहरत जीव मोर सजनी गे
प्राणनाथ परदेश गेल सजनी गे
चित भेल चान चकोर सजनी गे
एकसरि भवन हम कामिनि सजनी गे
दामिनी लेल जीव मोर सजनी गे
दामिनी उमकि डेराओल सजनी गे
आब ने बँचत जीव मोर सजनी गे
झिंगुर झमकत चहुँ ओर सजनी गे
कुहुकत कोयल मोर सजनी गे
से सुनि जिय घबड़ायल सजनी गे
यौवन कयलक घोर सजनी गे
भनहि विद्यापति गाओल सजनी गे
मन जुनि करिय उदास सजनी गे
सभसँ पैघ धैरज थिक सजनी गे
भ्रमर आओत तोर पास सजनी गे



● लउका जे लउकइ रामा Lyrics

लउका जे लउकइ रामा बिजुरी जे छिटकइ
कौने वन कुहुकय मयूर यो
घर पछुअरबा मे हजमा रे भइया,
झट-झट चिठिया पहुँचायब यो
जाहि ठाम देखिह नउआ ससुर भैंसुरबा,
ताहि ठाम चिठिया छपायब यो
जाहि ठाम हेतइ नउआ एसगर बलमुआं,
ताहि ठाम चिठिया खसायब यो
चिठिया पढ़इते बालमु जियरा सुखाय गेल,
कते धनी लिखल वियोग यो
लीअ-लीअ आहे राजा अपनो नोकरिया,
हम जाइ छी धनी के उदेश यो
जब पियबा अयलइ दलान केर बिचबा,
धनी बैसल रोदना पसारि यो
जब पियबा अयलइ आंगन केर बिचबा,
धनी ठोकल बज्र केबार यो
खोलू-खोलू आहे धनी बज्र केबरिया,
हम अयलहुँ अहीं केर उदेस यो
हम नहि खोलबइ बालमु बज्र केबरिया,
अंचरे सूतल नन्दलाल यो
हमहुँ त छलहुँ धनी देश विदेशिया,
ककर जनम नन्दलाल यो
घरहि मे छैक बालम छोटका देओरबा
हुनके जन्मल नन्दलाल यो

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