शनिवार, 1 अगस्त 2020

सांझ दिअ यशोमति मइया हे सांझ बीतल जाइए लिरिक्स

सांझ दिअ यशोमति मइया हे सांझ बीतल जाइए
बीति गेल बाबा घर के सांझ हे सांझ बीतल जाइए

पहिल सांझ दिअ घर के गोसाउनि हे सांझ बीतल जाइए
दोसर सांझ संझा माइ के देखाबहुँ हे सांझ बीतल जाइए

तेसर सांझ दिअ दुर्गा भवानी हे सांझ बीतल जाइए
चारिम सांझ कलिका माता के देखाबहुँ हे सांझ बीतल जाइए

घरसँ बहार भेली यशोमती मइया हे सांझ बीतल जाइए
घर-घर लक्ष्मी लेथिन बास हे सांझ बीतल जाइए
जुग-जुग रहु दुलहिन अहिबात हे सांझ बीतल जाइए

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