गुरुवार, 14 नवंबर 2019

औढरदानी हरहु दुख मोर लिरिक्स - Audhardani Harahu Dukh Mor Lyrics

ओढरदानी हरहुं दुःख मोर, 
आयलहूं शरण सुयश सुनि तोर

दुई एक दल बेल पात चढाए
अहाँ के शरण नव निधि जन पाएब

अपनेह भांग धथूर नीत खायब
जग में सब सुख देलनि लुटाई

मगन रास रस गौरी के संग
नाचए कतेक प्रमथ भरी रंग

दिन एक करील'क सुनहु महेश 
बड़ाही कठिन काटू करी के कलेस

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