मंगल आजु जनकपुर अति मन भावन हे,
आहे मंगल दूल्हा-दुल्हिन परम सुहावन हे...
मंगल बाजन बाजय सखी सब मंगल हे
आहे गाबथि मंगल गीत जनकघर मंगल हे
देवगन फूल बरसाबथि सुर सब मंगल हे
आहे सियाजी के आजु छनि विवाह जनकघर मंगल हे
मंगल श्री राम दूल्हा सिया भेली दुल्हिन हे
आहे मिथिला आजु सुमंगल जनकघर मंगल हे
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