मंगलवार, 28 जनवरी 2020

हरैद पिसबा काल के गीत - दुरांगमन लोकगीत

१. चलू-चलू आहे सखी - Maithili Lokgeet

चलू-चलू आहे सखी
सीता सँ हरदि पिसयबे करी
हरदि कौशिल्या निकालू जल्दी
सुमित्रा तोहें माछ नेने ठाढ़ी
जँ तोहे होयब सीता एक बापक बेटी
एक हाथे हरदि पिसयबे करी
जनकपुर के चेरी करथि मिनती
हमर सीता बापक दुलारी बेटी
ई की तोहें चेरी बजलऽ मिनती
भौजीसँ हरदि पिसयबे करी

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