१. चलू-चलू आहे सखी - Maithili Lokgeet
चलू-चलू आहे सखीसीता सँ हरदि पिसयबे करी
हरदि कौशिल्या निकालू जल्दी
सुमित्रा तोहें माछ नेने ठाढ़ी
जँ तोहे होयब सीता एक बापक बेटी
एक हाथे हरदि पिसयबे करी
जनकपुर के चेरी करथि मिनती
हमर सीता बापक दुलारी बेटी
ई की तोहें चेरी बजलऽ मिनती
भौजीसँ हरदि पिसयबे करी
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