मोरा रे अंगनमा चनन केर गछिया, 
ताहि चढ़ि कुररय काग रे । 
सोने चोंच मढ़ाए देब बायस, 
जओ पिया आओत आज रे ।
गाबह सखि सब झूमर लोरी, 
मयन अराधन जानु रे ।
चाउदिसि चम्पा मउलि फूललि, 
चान इजोरिया राति रे ।
कइसे कए हमे मयन अराधब,
होइति बड़ि रति साति रे ।
बाँक समय कागा केयो न अपन हित, 
देखल आंखि पसारि रे ।
विद्यापति कवि इहो पद गाबथि, 
पहु छथि गुणक निधान रे । 
राय भोगीसर सब गुण आगर, 
पद्मा देइ रमान रे ।
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बहुत बहुत धन्यवाद अपने सभक |
जवाब देंहटाएंe geet ke maithili log geet ke kon catogori me raakhal jai xai. jenaa बटगमनी, sohar , samdau sab hi xai .
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