पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी,
गाबइ छी हम नचारी
पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी,
गाबइ छी हम नचारी।
जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि नै जानी - 2
तइयो हमर मनोरथ, पूरा करू हे दानी,
चुप भए किए बइसल छी, खोलू ने कने केबारी
आयल छी हम पुजारी।
बाबा अहाँके महिमा, बच्चे सँ हम जनइ छी - 2
दुख की कहब अहाँ के, सबटा अहाँ जनै छी,
दर्शन दिअऽ दिगम्बर, दर्शन केर हम भिखारी
आयल छी हम पुजारी
हे नाथ हम अनाथे, वर दय करू सनाथे - 2
मिनती करी नमेश्वर, कर जोड़ि दुनू हाथे,
डामरु कने बजाउ, गाबइ छी हम नचारी
आयल छी हम पुजारी।
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बहुत सुन्दर रचना आई महादेव के
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