चलु चलु बहिना हकार पूरै ले,
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
लटका चड़ा छै नौ कुरा
पाकल केरा सात चंगेरा
छाल्ही बला दही तँ करेजा कटैए।
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
माटिक सांप बनल छै करिया
मैनाक पात पिठारक थरिया
बीच मे सिंदूरक ठोप सोभैए।
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
कानियाँ माइ के घुघना लटकल
पातिलक चाउर एलइ बिनु फटकल
सासुक कोढ़ बड़ कठोर छलैए।
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
भरी पनपथिया जाहि - जूही
कथा कहथि से होइ छथि कुही
बिध मे मटकुरी बड़ छोट एलैइए।
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
उथल पुथल मे छथि बिधकरी
दीपक टेमी सटेलन्हि धरि
टुन्नी दाइ के आँखि सं नोर झड़ैए।
टुन्नी दाइक बर एलय टेमी दागैले।
रचनाकार: मैथिली पुत्र प्रदीप (प्रभुनारायण झा)
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