शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

पटिया ओछायब/झारब काल के गीत - मैथिली लोकगीत

सबरंग पटिया समटू हे सुहबे - Maithili Lokgeet
सबरंग पटिया समटू हे सुहबे
दुलहा देता ओछाय
टेढ़-टुढ़ जौं पटिया ओछौता
रूसि रहब सुकुमारि हे
हे कसर-मसर ने पटिया ओछौता
मारबनि चाट घुमाय हे
हँसी खुशी सँ पटिया ओछौता
तखन हँसथि सुकुमारि हे
ललित कुमारि सुमंगल गाओल
सखि सब देल पिहकारी हे

माइ हे पटियो ने झारथि इहो दुलहा - Maithili Lokgeet

माइ हे पटियो ने झारथि इहो दुलहा
माइ हे ताकतो ने छनि कनिको हिनका
माइ हे दुलहा के माइ बड़ा ढ़हलेल
झारू झारू आहे दुलहा पटिया हमार
माइ हे दुलहा के माइ बड़ा भरदुलाहि
जौं दुलहा फेकथि पटिया झट झारि
माइ कनियां सुहबे सँ सुनथिन गारि

चलू सब सखिया रंग महलमे - Maithili Lokgeet

चलू सब सखिया रंग महलमे, समटू एक पटिया हे
कथी केर जे रंगमहलिया, कथी लागल केबाड़ी हे
हीरा केर जे रंगमहलिया, मानिक लागल केबाड़ी हे
राजा के बेटी पटिया समेटथि, जोलहाक बेटा ओछाबय हे
राजा के बेटी पटिया उठाबय, डोमक बेटा ओछाबय हे
राजा बेटी के जे कहथि पटिया ओछाबय, से छथि ओछबैया हे
हीरा के जे पटिया ओछाओल, मानिक लागल चारू कोन हे
चमरबा के बेटा पटिया ओछाबथि, राजा बेटा उठाबथि हे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !