बुधवार, 26 अप्रैल 2017

बाबा मधुकांत झा 'मधुकर' आब नै रहलाह

मिथिला धरोहर, सहरसा : हजारो शिव आ दुर्गा भजनक रचयिता पंडित मधुकांत झा मधुकर जी (२६-४-१७) के ९५ वर्षक अवस्था मे पंचतत्व मे विलीन भ गेलथि। स्व० मधुकर बाबा नीलकंठ के परम भक्त छलथि।

मिथिलाक दोसर विद्यापति के रूप मे चर्चित स्व० मधुकर बाबा सहरसा जिलाक चैनपुर ग्रामक निवासी छलथि। स्व० मधुकर जी एकटा अप्रितम शिवभक्त और संस्कृत संगेह मैथिली भाषा साहित्य के श्रष्टा के रूप मे मानल जाइत छथि। श्री मधुकांत मधुकर जी अपन पिता स्वरूप लाल झा और माता छेदनी देवी के निरंतर प्रयास सँ शिक्षा-दीक्षा प्राप्त कऽ शिक्षक पद के बखूबी दायित्व निर्वहन केलनि।

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अपन शिक्षण पेशा के संगेह लेखन कार्य मे सेहो महारत हासिल केलनि। १९६८ सँ १९७४ धरि  मधुकर बाबा आकाशवाणी पटना मे योगदान दऽ सांस्कृतिक प्रवचन के माध्यम सँ  समाज के नवचेतना प्रदान केलथि। हुनक प्रकाशित रचना मे समाज सौगात नवीन नचारी अभिनव नचारी, मधुकर नचारी, नीलकंठ मधुकर पदावली समलित अछि। ओहि प्रकार नारद भक्ति सूत्र केर मैथिली अनुवाद सेहो कऽ मिथिला के नव दिशा आ ऊंचाई प्रदान केलनि। मधुकर बाबा १९७१ मे नीलकंठ कमरथुआ संघ के स्थापना केलनि जे परम्परा आयो चली रहल अछि। ताहिके अंतर्गत माघ मास मे हजारों कमरथुआ हरे-राम हरे राम..हरे-कृष्ण केर कीर्तन कऽ बैद्यनाथ धाम जा रहल छथि। मधुकर बाबा मिथिला मे अध्यात्म आ समाजसेवा के नव आयाम देलनि। आय हिनक निधन सँ चैनपुर सहित समूचा मिथिलांचल के अपूरणीय क्षति पंहुचल अछि

रविवार, 23 अप्रैल 2017

EXCLUSIVE: मैथिली ठाकुर कहलनि, 'शास्त्रीय संगीत हमर ताकत छि'

 
दि राइजिंग स्टार रियालिटी शो के फाइनलिस्ट मैथिली फाइनल मे कुनो शास्त्रीय गीत के आधुनिक अंदाज मे पेश करती। हुनक माननाय अछि जे एतय तक पहुंचनाय हुनका लेल बहुते बड़का बात अछि। और हुनका बहुते रास्ता खुजल नजर आबि रहल अछि।

दि राइजिंग स्टार में ‘ओम नम: शिवाय’ और ‘भोर भई तोरी राह तकत पिया’ एहन शास्त्रीय संगीत आधारित गीत आबिके ओ अहाँ के दिल जीते चुकल छथि और आब ओ आबि रहल छथि अहि रियालिटी शो के फाइनलिस्ट बैन के। सही मे चिन्हलो। हम बात क रहल छि 16 सालक मैथिली ठाकुर के। शो के माध्यम सँ  लोगक प्यार और निर्णायक के बराय (तारीफ) ल'के ओ अतेक खुश छथि जे कि आब संगीते मे करियर बनेबाक गंभीरता सँ ल रहल छथि।
साभार : लाइव हिंदुस्तान

मूल रूप बेनीपट्टी प्रखंड के उड़ेन, बनकट्टा निवासी मैथिली ठाकुर केर प्रारंभिक संगीतक शिक्षा अपन दादा श्री बच्चा ठाकुर आ पिता रमेश ठाकुर सँ भेटल अछि। ग्रामीण परिवेश मे पलल-बढल मैथिली ठाकुर वर्तमान मे द्वारिका, दिल्ली मे अपन परिवार के संगे रहय छथि। मैथिली केर बचपने सँ संगीत सँ बड़ लगाव रहल अछि। एखन हिनक पढ़ाई बाल भवन इंटरनेशनल स्कुल, द्वारिका (दिल्ली)  मे भ रहल अछि।

दिल्ली मे पांच बेरा प्रथम पुरस्कार
मैथिली दिल्ली सरकार दिस सँ होमय वला वार्षिक समारोह मे पांच बेरा प्रथम पुरस्कार प्राप्त क चुकल छथि। जनवरी 2016 मे ओ अखिल भारतीय स्तर के टीवी कार्यक्रम आई जीनियस मे प्रथम पुरस्कार जीतल छलि। अहिसँ पहले ओ सोनी टीवी के सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल जूनियर (2015) और जी टीवी के शो सारेगामापा लिटिल चैंप मे अपन प्रतिभा देखा चुकल छथि।
मैथिलि के एखन धरि संगीत के क्षेत्र मे "मैथिलि सांस्कृतिक पुरस्कार" सहित बहुते रास अवार्ड भेट चुकल अछि। मैथिली के मधुर आवाज मे यूनिवर्सल म्यूजिक के द्वारा रिकॉर्ड कैल गेल 'या रब्बा' नामक एकटा एल्बम सेहो आबि चुकल अछि।

मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

आजुके दिन पहुंचल छल दरभंगा मे पहिल बेर ट्रेन, पहिल राष्ट्रपति केने छलैथ यात्रा

मिथिला धरोहर, दरभंगा : दरभंगा के इतिहास मे 17 अप्रैलक तारीख बहुते महत्वपूर्ण अछि। इ वैह तारीख अछि जेखन 143 साल पहिले वर्ष 1874 ई० मे तिरहुत रेलवे के पहिल ट्रेन समस्तीपुर सँ दरभंगा पहुंचल छल (Darbhanga Frist Train, Nargona Palace )। दरभंगा के नवका पीढ़ी आय शहर मे दू टा रेलवे स्टेशन देखय छथि, एकटा दरभंगा जंक्शन आ दोसर लहेरियासराय स्टेशन। 

 मि.ध.- दरभंगा मे कहिओ तीनटा रेलवे स्टेशन होइत छल।
तेसर रेलवे स्टेशन वर्तमान लनामिविवि स्थित नरगौना पैलेस के परिसर मे होइत करैत छल जेकरा नरगौना टर्मिनल के नाम सँ जानल जाइत छल।

◆ जानकारक मानि त छत्र निवास परिसर जे बाद मे नरगौना परिसरक नाम सँ जानल गेल, देशक इकलौता महल छल जेकर परिसर मे रेलवे स्टेशन भेल करैत छल।

◆ एकर अवशेष आयो नरगौना परिसर मे अपन सुनहरा अतीत के याद करैत मौजूद अछि।

◆ अहि स्टेशन पर दरभंगा राज के पैलेस ऑन व्हील दौड़ल करैत छल।

◆ अहि ट्रेनक उपयोग राज परिवार के लोग, तिरहुत सरकारक अधिकारि आ अतिथि के लाबय ल जाय मे कैल जाइत छल।

◆ पैलेस ऑन व्हील अत्याधुनिक सुविधा सँ युक्त छल। 

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मि.ध.- पटरि के जगह आब पगडंडी
जतय पहिले पटरि बिछैल गेल छल, ओतय आय पगडंडी नजर आबय अछि।

◆ ओना प्लेटफार्म के कुछ अवशेष अखनो बचल अछि।

◆ इ अवशेष अहि बातके गवाही दय अछि जे शहरक अतीत बहुते सुनहरा छल।

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मि.ध.- प्रथम राष्ट्रपति केने छलैथ यात्रा
◆ देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सहित राष्ट्रीय फलक के कतेको चर्चित हस्ति अहि पैलेस ऑन व्हील पर सफर केने छलथि।

◆ 1976 मे परिसरक अधिग्रहण के उपरांत पैलेस ऑन व्हील के अनुपयोगी और राजशाही के प्रतीक कैह के कबाड़ी के हाथों बेच दिया गया।

◆ लोगक मानु त ओहि पैलेस ऑन व्हील सँ लगभग 350 किलो चांदी निकलल छल जेकर आय तक कुनो अता-पता नय अछि।

◆ ओतय बरौनी मे राखल बड़ी रेल लाईन के पैलेस ऑन व्हील के 1975 मे आगिक हवाला क देल गेल।

◆ जाहि गेट सँ पैलेस ऑन व्हील नरगौना टर्मिनल पर प्रवेश करय छल ओहि गेट के तोइड़ आय ओतय ईंटाक पक्का दीवार ठाड़ क देल गेल अछि।

रविवार, 16 अप्रैल 2017

राइजिंग स्टार के फाइनल मे पहुचली मैथिली ठाकुर

मिथिला धरोहर, दिल्ली : पुरनका कहावत छै 'होनहार बिरवान के होइत चिकने पात', बेनीपट्टी प्रखंड के उड़ेन, बनकट्टा निवासी मैथिली ठाकुर पर एकदम सटीक बैठय अछि। बचपन मे जेखन लोग अ, आ और क, ख रटैत रहैत छलै तखन मैथिली सुर'क राग गुनगुनाबैत रहैत छलि। लग-पासक नमहर बुजुर्ग तखन बुच्ची मैथिली सँ भजनक चंद बोल सुनबाके लेल रोजाना जुटैत छला। तखन लोग इ कैह के मैथिली के माता-पिता के हिम्मत बढ़ाबै छला जे एक दिन इ नमहर भ के संगीतक दुनिया मे अपन नाम कमेति। आय लोग के इ बात सोलह अना सच साबित भ रहल अछि। आय मैथिली संगीतक दुनिया मे एकटा उगैत सितारा छथि।एखन मैथिली रियलिटी शो राइजिंग स्टार मे सब सँ बेसी वोट ल के फाइनल मे अपन जगह बना चुकल छथि और अगिला शैन दिनक नॉमिनेशन सँ सुरक्षित भ गेल छथि।


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मैथिली के नाम तखन पहिल बेरा सुर्खि मे आयल छल, जखन जी टीवी पर संगीत आधारित रियलिटी शो लिटिल चैम्प मे ओ गाना गेली। ओहि समय मैथिली के उम्र महज दस वर्ष छल। ओहि समय अपन सुर आ मधुर अवाज सँ ओ देश के शीर्ष 30 बाल गायक मे अपन जगह बनेलनि। ताहि उपरांत मैथिली कहिओ पाछु घुइम के नै देखलनि। शिक्षा निदेशालय के दिस सँ जोनल स्तर पर आयोजित होय वला प्रतियोगिता मे ओ पांच बेर सर्वश्रेष्ठ स्थान पर चुनल गेली। हरियाणा मे आयोजित युवा महोत्सव मे ओ देशभैर के क्लासिकल गायक मे शीर्ष तेसर स्थान पर अपन जगह बनेलनि। इंडियन आइडल मे सेहो हिनक प्रदर्शनक सबके सराहना भेटल और शीर्ष 20 मे अपना के स्थापित केलनि।

भोरे तीन बजे शुरू होइत अछि दिनचर्या
मैथिली अब 12वीं के छात्रा छथि ओ द्वारका के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल मे पैढ़ रहल छथि। स्कूल जाय सँ पहिले लगभग तीन घंटा के रियाज रोजाना कैल जाइत अछि। अहि तरहे स्कूल सँ एबाक बाद शांझ के समय सेहो रोजाना तीन सँ चाइर घंटा के रियाज जरूरी अछि। मैथिली के मां हिनक खानपान के पूरा ध्यान राखय छथि। मैथिली कहय छथि जे संगीत साधना अछि। मैथिली के संगीतक ज्ञान किओ और नै बल्कि हिनक पिता रमेश ठाकुर दै छथि। रमेश कहय छथि जे हुनका अपन बेटी पर गुमान अछि।

मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

सुर के दुनिया मे मैथिली बनल जानल पहचानल नाम

मिथिला धरोहर, दिल्ली : पुरनका कहावत छै 'होनहार बिरवान के होइत चिकने पात', बेनीपट्टी प्रखंड के उड़ेन, बनकट्टा निवासी मैथिली ठाकुर पर एकदम सटीक बैठय अछि। बचपन मे जेखन लोग अ, आ और क, ख रटैत रहैत छलै तखन मैथिली सुर'क राग गुनगुनाबैत रहैत छलि। लग-पासक नमहर बुजुर्ग तखन बुच्ची मैथिली सँ भजनक चंद बोल सुनबाके लेल रोजाना जुटैत छला। तखन लोग इ कैह के मैथिली के माता-पिता के हिम्मत बढ़ाबै छला जे एक दिन इ नमहर भ के संगीतक दुनिया मे अपन नाम कमेति। आय लोग के इ बात सोलह अना सच साबित भ रहल अछि। आय मैथिली संगीतक दुनिया मे एकटा उगैत सितारा छथि।

मैथिली के नाम तखन पहिल बेरा सुर्खि मे आयल छल, जखन जी टीवी पर संगीत आधारित रियलिटी शो लिटिल चैम्प मे ओ गाना गेली। ओहि समय मैथिली के उम्र महज दस वर्ष छल। ओहि समय अपन सुर आ मधुर अवाज सँ ओ देश के शीर्ष 30 बाल गायक मे अपन जगह बनेलनि। ताहि उपरांत मैथिली कहिओ पाछु घुइम के नै देखलनि। शिक्षा निदेशालय के दिस सँ जोनल स्तर पर आयोजित होय वला प्रतियोगिता मे ओ पांच बेर सर्वश्रेष्ठ स्थान पर चुनल गेली। हरियाणा मे आयोजित युवा महोत्सव मे ओ देशभैर के क्लासिकल गायक मे शीर्ष तेसर स्थान पर अपन जगह बनेलनि। इंडियन आइडल मे सेहो हिनक प्रदर्शनक सबके सराहना भेटल और शीर्ष 20 मे अपना के स्थापित केलनि। एखन मैथिली रियलिटी शो राइजिंग स्टार मे टॉप 6 मे अपन जगह बना के फाइनलिस्ट बैन चुकल छथि।

भोरे तीन बजे शुरू होइत अछि दिनचर्या
मैथिली अब 12वीं के छात्रा छथि ओ द्वारका के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल मे पैढ़ रहल छथि। स्कूल जाय सँ पहिले लगभग तीन घंटा के रियाज रोजाना कैल जाइत अछि। अहि तरहे स्कूल सँ एबाक बाद शांझ के समय सेहो रोजाना तीन सँ चाइर घंटा के रियाज जरूरी अछि। मैथिली के मां हिनक खानपान के पूरा ध्यान राखय छथि। मैथिली कहय छथि जे संगीत साधना अछि। मैथिली के संगीतक ज्ञान किओ और नै बल्कि हिनक पिता रमेश ठाकुर दै छथि। रमेश कहय छथि जे हुनका अपन बेटी पर गुमान अछि।

सोमवार, 3 अप्रैल 2017

पूनम मिश्रा जीवन परिचय | Poonam Mishra Maithili Singer Bio

मधुबनी। एखन धरि सैकड़ों मैथिली मंच पर अपन गायनक लोहा मना चुकल छथि। पांच दर्जन सँ बेसी एलबम निकैल चुकल छथि। एकटा मैथिली फिल्म मे सेहो अभिनय के प्रतिभा देखा चुकल छथि। इ और कियो नय मधुबनी जिल के मनपौर निवासी पूनम मिश्र छथि। येह नय आब पूनम हिन्दी भक्ति गायनक क्षेत्र मे सेहो अपन कदम एकटा एलबम करूणामयी राधे के संग राखी चुकल छथि।

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पूनम मिश्रा गरीब परिवार सँ आबय छथि। पिता रोहित नाथ मिश्र गायन कऽ और किछु खेती-बारी कऽ अपन परिवारक गाड़ी के चलाबय छलथि। बेटी पूनम पिता के संगे गायनक रियाज करय छलथि। पूनम मिश्रा धीरे-धीरे परंपरागत मैथिली लोकगीतक गायन अपन पिता सँ सीखली। शुरूए सँ हिनका कण्ठ मे मधुर आवाज छल। पिता के सानिध्य मे रहिके विभिन्न कार्यक्रम मे जेनाय शुरू कऽ देलथि। एहि दौरान अनेको कलाप्रेमि पूनम के उत्साहित केलैथि। पूनम मिश्रा महज छह सालक उम्र मे गायनक क्षेत्र मे मंचासीन भेलि। ताहिके उपरांत पाछु घुमी के नय देखलथी। शुरू मे पूनम परंपरागत मैथिली लोक गीत पर ध्यान देलथि, बाद मे अनेको तरहक मैथिली गीतक गायन केलथि। वर्तमान मे मैथिली के अलावा भोजपुरी गीत पर सेहो निक पकड़ अछि। संघर्षक बल पर पूनम एकटा मैथिली फिल्म 'जेहने साउस तेहने पुतोहु' मे सेहो सफल अभिनय कऽ चुकल छथि। हिनक पांच दर्जन सँ बेसी विवाह, उपनयन, मुंडन आ दोसर अवसर पर गायल जाय वला गीत के एलबम बना चुकल छथि।  शारदा सिन्हा के प्रेरणा स्रोत मानय छथि। पति शंकर कुमार झा केर सहयोग सँ हिन्दी भक्ति गायन क्षेत्र मे कदम रखलि, आय अपन कैसेट कंपनी सेहो बना चुकल छथि। गायन विधा के चर्चित कलाकारक अलावा शिक्षिका सेहो छठि। बच्चा के पढ़ेवा मे हिनका आनंद आबय छनि। ओतय लड़कि सभ के संगीत सेहो सीखा दय छथि।

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पूनम जी बहुते पुरस्कार सेहो प्राप्त क चुकल छथि। जाहिमे मिथिला महोत्सव, चंपारण महोत्सव, केसरिया महोत्सव आदि प्रमुख अछि। ओतय दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर, रांची, जमशेदपुर आदि जगह पर मैथिली गायनक क्षेत्र मे अपन पहचान बना चुकल छथि।