शनिवार, 20 जुलाई 2024

मधुश्रावणी पूजा विधि (मंत्र) | Madhushravani Puja Vidhi

मधुश्रावणी पूजा सैं पहिने लड़का बाला ओहिठाम लड़की बला कऽ ओतय सं नोत जाइत अछि। नोत में पांच टा रांगल सुपारी आ पीरा कागज़ पर लाल कलम सं लिखल लड़का कऽ पिता कऽ नाम सं पता जाइत अछि। मधुश्रावणी पूजा कऽ ओरिआओन जाहि कन्या के नव विवाह भेल छनि ओ सावन कऽ चौठ कऽ संध्या काल भिन्न प्रकारक फूल आ पात तोरि रखैत छैथ जाहि घर में पूजा होयत तकरा बढियां सैं साफ़ कय निचा देल चित्र कऽ अनुसार अरिपन पडत।

पूजा क सामग्री, गौरी बनेवाक लेल :-
साँझ खन भगवती ,महादेव ,ब्राह्मण ,हनुमान और गौरी कय गीत गावि, दुईब, कांच हल्दी, धनिया (कनी) मिला कऽ गौर बनत, जकरा ढउरल सरवा पर एकटा सिक्का पर गौरी राखि पान कऽ पात सं झापि, पान कऽ पात कऽ ऊपर सिंदूरक गद्दी राखि ललका कपडा स झापि भगवति लग राखि देवेइ।

पाँच टा मैना पात आ पाँच टा केरा पात सासुर दिस सं आ पाच टा मैना पात आ पाँच टा केरा पात नैहर दिस सं रहत जाहि में सबटा पर पाँच पाँच टा बिसहारा सिन्दूर सं ,काजर सं पिठार सं आ श्री खंड चानन सं लिखल जायत।

कुसुमावती, पिङ्गला, चनाई एवं लीली कऽ पूजा कऽ लेल चारि गोट करा कऽ पात कऽ पुड़ा बनायल जायत।
नैवेद्य कऽ लेल
– अरवा चावल, चूड़ा, चीनी, आम, कटहल, केला, अंकुरी चनाई कऽ हेतु एकटा डाली मे अरबा चावल, पैसा और एकटा छाछी मे दही रहत।

बिन्नी के मोटरी मे :- 
धनी, धान, दुब, हरिद, सुपारी, बड़ी इलाइची, लौंग, छोटकी इलाइची (11 टा क) आ पैसा सब के एक टा ललका कपडा मे बाँधी के पोटरी बनायल जायत। पुरहर, पातिल आ ओहि के निचा में धान राखल जायत।

गाय कऽ दूध, पान सुपारी, गौरी कऽ लेल फूल, नीम कऽ पात, नेबू, कुश, पाँच टा मईटक बिसहारा नैहर सं आ पाँच टा सासुर सं।

मधुश्रावणी पूजा आरम्भ (पंचमी दिन क पूजा)
भगवती, ब्राह्मण, कुलदेवता कऽ गीत गायाल जायत नव कनिया नहा धो सासुर सं आयल कपड़ा चुरी पहिर श्रृंगार कय भगवती आ कुल देवताक प्रणाम कऽ पूजा स्थान पर आइ बैसथीन।

पाटिल पुरहर आ कलश बाला जगह पर बालु ध कऽ जल सं सींच, ओतय पर किछु धान राखी तीनू के यथास्थान राखि, कलश के जल सं भरि ऊपर सं आमक पल्लव रखवाक छै, तकरा बाद पाटिल में दीप लेश देवक छै।
सब दिन पूजै बाला गौरी उत्तर फूल पर, सासुर सं आयल गौरी बीच में आ नहीअर बला गौरी दक्षिण फूल पर राखि कनिया गौरी पूजा करथिन।

कलश कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमः शांति कलश इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः शान्तिकालशया नमः

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमः शांति कलशया नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् शांति कलशाय नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम् शान्तिकलशाय नमः 

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि शान्तिकलशाय नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः शान्तिकालशयाय नमः “
“नमः शान्तिकुम्भ महाभाग सर्व काम फल प्रदः”
फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः शांतिकलशयाय नमः “
सूर्य कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमः सूर्य इहागच्छ यह तिष्ट “
जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः सूर्याय नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमः सूर्याय नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् सूर्याय नमः “

अक्षत लाया -“इदमक्षतम सूर्याय नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि सूर्याय नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः सूर्याय नमः “
“नमः सूर्याय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः सूर्याय नमः “

चन्द्रमा कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमः चन्द्र इहागच्छ यह तिष्ट”

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः चन्द्राय नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नमःचन्द्राय नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् चन्द्राय नमः"

अक्षत लाया -“इदमक्षतम चन्द्राय नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि चन्द्राय नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः चद्राय नमः “
“नमः चन्द्राय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय - ''पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः चन्द्राय नमः “

नवग्रह कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमः नवग्रहा:इहागच्छ यह तिष्ट “

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः नवग्रहेभ्यो नमः“

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नवग्रहेभ्यो नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् नवग्रहेभ्यो नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम नवग्रहेभ्यो नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि नवग्रहेभ्यो नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः नवग्रहेभ्यो नमः “
“नमः नवग्रहेभ्यो महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय - "पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः नवग्रहेभ्यो नमः “

विषहरा कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमःनाग-दांपत्य इहागच्छ यह तिष्ट “

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं नागदंपतिभ्याम् नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् नागदंपतिभ्याम् नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम नागदंपतिभ्याम् नमः “

धुप नैवेद्य लय - एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि नागदंपतिभ्याम् नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “
“नमः नागदंपतिभ्याम् महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः नागदंपतिभ्याम् नमः “

बैरसी कऽ पूजा
अक्षत लय -“नमःशतानुजसाहित बैरस्ये नमः “

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः शतनुजसाहित बैरस्ये नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् शतानुजसाहिर बैर स्ये नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “
“नमः शतानुजसाहित बैर स्ये महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः शतानुजसाहित बैर स्ये नमः “

चनाइ कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमःचनाइ नाग इहागच्छ इह तिष्ठ “

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः चनाइ नागाय नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं च नाइ नागाय नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् चनाइ नागाय नमः “
अक्षत लय -“इदमक्षतम चनाइ नागाय नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि चनाइ नागाय नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः चनाइ नागाय नमः “
“नमः चनाइ नागाय महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः चनाइ नागाय नमः “

कुसुमावती कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमःकुसुमावती इहागच्छ इह तिष्ठ “

जल लय – “इतनी पाद्यादिनी नमः कुसुमावती नमः “
उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं कुसुमावती नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् कुसुमावती नमः

अक्षत लाया -“इदमक्षतम कुसुमावती नमः

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि कुसुमावती नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः कुसुमावती नमः “
“नमः कुसुमावती महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः कुसुमावती नमः “

पिंगलाक कऽ पूजा :-

अक्षत लय -“नमः पिंगले इहागच्छ इह तिष्ठ “

जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः पिंगले नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं पिंगले नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् पिंगले नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम पिंगले नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि पिंगले नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः पिंगले नमः “
“नमः पिंगले महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय - ''पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः पिंगले नमः “

लीली कऽ पूजा :-
अक्षत लय -“नमः लीली नागे इहागच्छ इह तिष्ठ
जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः लीली नागाये  नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं लीली नागाये नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् लीली नागाये नमः “
अक्षत लाया -“इदमक्षतम लीली नागाये नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि लीली नागाये नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः लीली नागाये नमः “
“नमः लीली नागाये महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः लीली नागाये नमः “

साठिक पूजा :-
अक्षत लय -“नमः षष्ठी देवी  इहागच्छ इह तिष्ठ “

जल लय – “एतानी पाद्यादिनी नमः षष्टदेव्यै  नमः “

उजरा चन्दन लय – इदमनुलेपनम् श्वेत चन्दनं षष्टदेव्यै नमः “

ललका चन्दन “इदं रक्तानुलेपनम् षष्टदेव्यै नमः “

अक्षत लय -“इदमक्षतम षष्टदेव्यै नमः “

धुप नैवेद्य लय – एतानि गंध,पुष्प ,धुप दीप ताम्बूल यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि षष्टदेव्यै नमः “

जल लय – “इदमाचमनीयम् नमः षष्टदेव्यै नमः “
“नमः षष्टदेव्यै महाभाग सर्व काम फल प्रदः”

फूल लय -” पुष्पम ग्रहण सुबह यच्छ पुज्याधार नमोस्तुते ” ऐश पुष्पांजलिः नमः षष्टदेव्यै नमः “

तत्पश्च्यत् कनियाँ बिन्नी कऽ मोटरी अपना खोईंछा में राखि पांच बिन्नी तीन बेर सुनती ।










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