रविवार, 22 जुलाई 2018

ठक बक चिन्हबा काल के मैथिली लोकगीत

चलू चलू चलू दुलहा अंगना - ठक बक चिन्हबा काल के गीत - Maithili Lokgeet

चलू चलू चलू दुलहा अंगना हमार यौ
अंगनामे होयत दुलहा विधि तोहार यौ
ठक के कहलखिन दुलहा माटी के मुरुत यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के मइया छिनारि यौ
बक के कहलखिन दुहा माटि के मुरुत यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के काकी छिनारि यौ
बेसन के कहलखिन दुलहा उरदिक घाटि यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के पीसी छिनारि यौ
भालरि के कहलखिन दुलहा केराक पात यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के बहीन यौ
मंजू के कहलखिन दुलहा इहो थिक कर यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के भउजी छिनारि यौ

शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

साल 2018-2019 मे मुण्डन, उपनयन, विवाह, द्विरागमन और गृहप्रवेशक शुभ दिन

मुण्डनक दिन :-
२०१८ : अक्टूबर - २१ |
दिसम्बर - १२, १४ |
२०१९ : फरवरी - ६, ७, ११, १५, २२ |
मार्च - १३ |
मई - २० |
जून - ६, ७, १२ |
जुलाई - ४, ११ |

उपनयनक दिन :-
२०१९ : फरवरी - ६, ७, १०, १५ |
मार्च - १७ |
अप्रैल - १० |
मई - ९ |
जून - ७, १२, १३ |
जुलाई - ५, ७ |

विवाहक दिन :-
२०१९ : जनवरी - १७, १८, २३, २५, २७, २८, ३० |
फरवरी - १, ४, १०, ११, १५, २०, २१, २२, २५, २८ |
मार्च - ३, ४, ७, ८, १३ |
अप्रैल - १७, १८, १९, २१, २२, २४, २५, २६, २७ |
मई - १, २, ६, १२, १९, २०, २३, २४, २६, २९, ३०, ३१ |
जून - ३, ९, १० १२, १३, १४, २१, २६, २७, २८, ३० |
जुलाई - ७, ८, ११ |

द्विरागमनक दिन :-
२०१८ : नवम्बर - २३, २५, २६ |
दिसम्बर - ९, १०, १२, १३ |
२०१९ : फरवरी - ९, १५, १७, २१, २२, २४ |
मार्च - ७, ७, १३ |
अप्रैल - १८, २२, २४ |
मई - ६, ९ |

गृहारम्भ :-
२०१८ : जुलाई - ३० |
अक्टूबर - ३७ |
२०१९ : फरवरी - १५, २१, २२, १३ |
अप्रैल - १९, २०, २२ |
जुलाई - १२, १२ |

गृहप्रवेश :-
२०१८ : अगस्त - १५ |
२०१९ : फरवरी - १५ |
मार्च - १३ |
अप्रैल - १७, १८ |
मई - ९, १०, ११ |
जुलाई - ८, ११, १२, १३ |



मंगलवार, 17 जुलाई 2018

सोलहवीं शताब्दी में निर्मित सहरसा, महिषी के उग्रतारा मंदिर | Ugratara Mandir, Mahishi, Saharsa

मिथिला के प्रसिद्ध शक्तिस्थल मे सहरसा जिलाक महिषी मे अवस्थित उग्रतारा स्थान प्रमुख अछि। मंडन मिश्र केर पत्नी विदुषी भारती सँ आदिशंकराचार्य के शास्त्रार्थ एतय भेल छल जाहिमे शंकराचार्य केर पराजित भेल पड़ल छलनि। उग्रतारा स्थान कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय सँ १८ किमी पश्चिम धर्ममूला नदी के तट पर अवस्थित अछि।
शक्ति पुराण के अनुसार माहामाया सती केर मृत शरीर के ल'के शिव बताह जंका ब्रह्मांड मे घूमि रहल छलथि। एहिसँ होय बला प्रलय के आशंका के देखैत विष्णु जी द्वारा माहामाया केर मृत शरीर के अपन सुदर्शन सँ ५२ भाग मे विभक्त क देल गेल छलनि। सती केर शरीरक जे हिस्सा धरातल पर जेतय गिरल ओ सिद्ध पीठक रूप मे प्रसिद्धि भेटल। महिषी उग्रतारा स्थानक संबंध मे एहन मान्यता छैक जे सती केर बायां नेत्र भाग एतय गिरल छलनि। 

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मान्यता इहो छैक जे ऋषि वशिष्ठ उग्रतप के बदौलत भगवती केर प्रसन्न केलनि। हुनक प्रथम साधक के अहि कठिन साधनाक कारणे भगवती वशिष्ठ अाराधिता उग्रतारा केर नाम सँ जानल जाइत छथि। उग्रतारा नामक पाछु दोसर मान्यता अछि जे माता अपन भक्त के उग्र सँ उग्र व्याधि के नाश करै बाली छथि। जाहि कारण भक्त द्वारा हुनका उग्रतारा केर नाम देल गेलनि।
महिषी मे भगवती तीनों स्वरूप उग्रतारा, नील सरस्वती आ एकजटा रूप मे विद्यमान छथि। एहन मान्यता अछि जे बिना उग्रतारा केर आदेशक तंत्र सिद्धि पूर्ण नै होइत अछि। यैह कारण अछि जे तंत्र साधना केनिहार एतय अवश्य आबय अछि। नवरात्रा मे अष्टमी के दिन एतय साधक के भीड़ लागय अछि।

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एतय पहुंचबाक इच्छुक लोग सहरसा सँ आटो या फेर बस सँ एतय पहुंचय अछि। बाकी तीनो दिस सँ इ स्थान तटबंध सँ घिरल अछि। एके दिसन सँ पहुंचबाक रास्ता हेबाक बावजूद एतय पहुंचनाय कठिन नै अछि। एतय बिहारक अतिरिक्त नेपाल के श्रद्धालु सेहो बड़का संख्या मे पहुंचैत अछि।

मंदिरक निर्माण सन १७३५ मे रानी पद्मावती केने छलथि। इ स्थल पर्यटन विभागक मानचित्र पर अछि।

सोमवार, 16 जुलाई 2018

कल्याणेश्वर महादेव, मधुबनी, बासोपट्टी - Kalyaneshwar Mahadev, Benipatti, Kalna

मिथिला धरोहर : ई स्थान मधुबनी जिला अन्तर्गत बासोपट्टी प्रखण्ड के कलना गांव मे परैत अछि। विद्वानक अनुसार अहि महादेव मंदिरक बारे मे तुलसी कृत रामचरितमानस मे कहल गेल अछि जे मिथिला के राजा केर प्रथम इष्टदेव महादेव छलथि। हुनक तपस्या सँ प्रसन्न भ भगवान शिव जी कल्याणेश्वर ( Kalna Mahadev ) केर रूप मे दर्शन देने छलथि। आ कल्याणेश्वर केर रूप मे मिथिला किस्सा कहने छलथि। 

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अहि महादेव केर स्थापना भगवान विश्वकर्मा केने छलैथ। कालांतर मे ऋषि महार्षि सँ उत्प्रेरित भ विभिन्न राजा सब अहि मंदिर कर जीर्णोद्धार केलनि।

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शुक्रवार, 13 जुलाई 2018

सासुरक सत्कार - मैथिली कविता

जहन कनियाँ देलनि सोहारी, अचार,
मोन परल सासुरक सत्कार...
कतबो गर्मी होय मुदा सूती निचेने
बेन डोलबथी साइर ठाड़े - ठाड़
मोन परल सासुरक सत्कार...।

टाइम सँ भेटय भोरे जलखय
पकवान भेटय ना ना प्रकार
बैसले - बैसल हाथ धोऐ छलूँ
बड़ नीक हमर साउसके वैवहार
मोन परल सासुरक सत्कार...।

हंसी-मजाक खूब होय छलै
मीठ लागय सरहौइज के गाइर
जे बाजी से चट द भेटय
पाछु-पाछु चलय छल सार
मोन परल सासुरक सत्कार...।

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मिथिला के सासुर बर नामी
पाहुंन जेना भगवान के अवतार
बेटी देलनि इ की कम छै
केलनि हमरा पर उपकार
मोन परल सासुरक सत्कार...।

जूइत चलैन कनियें के घर मे
हिनके सासन, हिनके सरकार
मुहँ जाभि बैन्ह चुप रहय छी
कए नय दैथ घातक प्रहार
मोन परल सासुरक सत्कार...।

बुधवार, 4 जुलाई 2018

मनोकामना मंदिर, दरभंगा - एतय कोबला मांगल नै लिखल जाइत छैक | Manokamna Mandir Darbhanga

Manokamna Mandir Darbhanga

दरभंगा राज परिसर मे, श्यामा माई मंदिर सऽ  कनिक दूर मनोकामना मंदिर अछि। अहि मंदिर के विषय मे मान्यता छैक जे एतय सँ मांगल गेल कोबला अवश्य पूर्ण होय छैक। ताहिलेल अहि मंदिर के नाम मनोकामना मंदिर पैर गेल। मुदा अहि मंदिर मे स्थित हनुमान जी सँ अपन मनोकामना पूरा करेबाक तरीका भिन्न अछि।  
किछो मंदिर मे हनुमान जी केर प्रसन्न करबाक लेल भक्त हनुमान जी के लंगोट चढ़ाबैत छथि तऽ केतौ सिंदूर अर्पित करैत छथि मुदा दरभंगा के मनोकामना मंदिर मे मनोकामना पूरा करेबाक लेल लोग घर सँ कलम आ पिन्सिल ल'के आबय छथि। मंदिरक बाहर लड्डू के दुकान सँ प्रसाद खरदै छथि और हनुमान जी केर प्रसाद अर्पित करैत छथि। फेर मंदिरक चारु दिस घूमि के प्रदक्षिणा करैत छथि। पूजाक उपरांत कलम या पिन्सिल सँ मंदिरक दीबाल पर अपन मनोकामना लिखैत छथि। ताहिलेल मंदिरक सौंउसे दीबाल किछो नै किछ कोबला लिखल भेटैत।

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अहि मंदिर के निर्माण समतल भूमि सँ लगभग सात फुटक ऊंचाई पर एकटा बड़का सन चबूतरा पर कैल गेल अछि। मंदिर उज्जर संगमरमर पत्थर के बनल अछि। हनुमान जी केर दर्शन करबाके लेल मंदिर के बाहर ठेहुन पर बैसय परैत छैक कियाकि मंदिर के आकार छोट अछि। अहिमे हनुमान जी केर एकटा छोट सन मूर्ति विराजमान छनि। मंदिर के आगू आ पाछू दुनू दीस पोखईर छैक। मानल जाइत छैक जे अहि मंदिर के निर्माण महाराजा रामेश्वर सिंह अपन कुनो रिश्तेदार लेल बनवेने छलैथ जिनक कद छोट छलनि।