शुक्रवार, 16 मई 2025

Madhushravani Puja Date 2025 - मैथिल नवविवाहिता के पाबैन मधुश्रावणी पूजा कहिया सं छी 2025 मे

मधुश्रावणी पूजा व्रत 2025 आरम्भ 12 जुलाई 2025, समाप्त मधुश्रावणी व्रत 27 जुलाई 2025 (मैथिली पंचांग अनुसार)

मिथिला धरोहर : मिथिलाक नवविवाहिता केर सुहागक पाबैन मधुश्रावणी पूजा (Madhusarwani Puja 2025 )  12 जुलाई 2025, शनिदिन सं मिथिला मे शुरू होयत। सदि सँ अखंड सौभाग्य आ पति के दीर्धायु हेबाक कामना करैत मिथिला के नवविवाहिता श्रावण कृष्ण पंचमी सँ श्रावन शुक्ल तृतीया धरि पूर्ण आस्थाक संग मधुश्रावणी व्रत करै छथि। एक पखवारा धरि चलय वला अहि पाबैन के ओना तऽ सब वर्गक लोग मानैत अछि, मुदा मिथिला के मैथिल बाहम्ण मे अहि पाबैन के खास महत्व छैक। 
नव विवाहिता के विवाहक पहिल सावन मे अहि पाबैन के मनेबाक परंपरा अछि। श्रावण् कृष्ण चौथ तिथि सँ मधुश्रावणी पूजय वाली नवविवाहिता जिनका पवनैतिन कहल जाइत अछि, अगिला दिन के पूजाक लेल सखि - सहेलीक संग फुल लोढ़ी के लाबैत छथि, अहि दौरान नव विवाहिता द्वारा गाबल जाय वाली श्रृंगार आ भक्ति रस के गीत सँ गांमक बगिया, मंदिर, स्कूल महैक उठैत अछि। अहि गीतक माध्यम सँ भगवान शंकर के खुश करबाक प्रयास कैल जाइत अछि। 

नागपंचमी के दिन कोहबर घर यानी जाहि घर मे विवाहक विधी भेल रहैत छैक, ओहि घर के गाय के गोबर सँ निप कऽ ओहिपर सेनुर पिठार सँ नागिन आ विषहरी के चित्र बना कऽ ओहिपर माटीक बनल नाग देवता के स्थापित कैल जाइत अछि। नवका वस्त्र आ गहना सँ  सुसज्जित नव विवाहिता पूजा करबाक लेल बैठय छथि। महिला पुरोहित लौकिक मंत्र द्वारा  सावधि पूजा कराबय छथि। पूजाक उपरांत पवनैतिन अपन हाथ मे लाल कपड़ा मे बान्हल धानक पोटरी जेकरा बिन्नी कहैत छैक, ओकरा  लऽके कथा सुनय छथि। प्रथम दिनक कथा मे नाग पंचमी के महत्व के बताओल जाइत अछि।कथाक उपरांत महिला पुरोहित बिन्नी नामक एकटा विशेष पद के पाठ करय छथि। अहि दौरान नव विवाहिता ठाड़ भऽ के नाग देवता पर फुल चढ़ाबय छथि। नाग पंचमी के पांच् टा अहिबाति के तेल-सेनुर आ खोईचा दऽ हुनका बगैर नूनक भोजन कराओल जाइत अछि।
लोगक कहब छैक जे सृष्टि आरंभक समये सँ मिथिला मे अहि पाबैन के मनायल जाइत छैक। मिथिला केर नव विवहिता लेल अहि पाबैन के खास महत्व छैक। 15 दिनक पूजा के अवधी मे नव विवाहिता के दु दिन नागपंचमी ( Nag Panchami ) के कथा सुनाओल जाइत अछि, शेष 13 दिन सावित्री, सत्यवान, शंकर पार्वती, राम सीता, कृष्ण राधा आदि देवता केर कथा सुनाओल जाइत अछि। अहि देवता केर कथा सुनेबाक भाव इश्वर पूजाक संगेह गृहस्थ जीवन मे आबय बला बाधा सँ से मुक्ति के सीख देबाक होइत छैक।ताकि नव विवाहिता अपन दांपत्य जीवनक सुखी पूर्वक निर्वहन कऽ सकय।

उपयोगी लिंक -










4 टिप्‍पणियां:

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !