शनिवार, 5 नवंबर 2016

आगे माई एहन उमत बर लाइल लिरिक्स - विद्यापति

Aage Mai Ehan Umat Bar Lail Lyrics

आगे माई एहन उमत बर लाइल हिमगिरि देखि-देखि लगइछ रंग। 

एहन बर घोड़बो न चढ़इक जो घोड़ रंग-रंग जंग॥ 

बाधक छाल जे बसहा पलानल साँपक भीरल तंग। 

डिमक-डिमक जे डमरू बजाइन खटर-खटर करु अंग॥ 

भकर-भकर जे भांग भकोसथि छटर-पटर करू गाल। 

चानन सों अनुराग न थिकइन भसम चढ़ावथि भाल॥ 

भूत पिशाच अनेक दल साजल, सिर सों बहि गेल गंग। 

भनइ विद्यापति सुन ए मनाइन थिकाह दिगंबर अंग॥ 

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