मंगलवार, 8 मई 2018

जनेऊ पहिरबाक ७ टा फायदा, यज्ञोपवीत मन्त्र सहित

मिथिला सहित भारतीय संस्कृति मे यज्ञोपवीत यानी जनेऊ धारण करबाक परंपरा वैदिक काले सँ चलैत आबि रहला अछि। 'उपनयन'क गिनती सोलह संस्कार में होइत अछि। मुदा आजुक दौर में लोग जनेऊ पहिरै सँ बचय चाहैत छथि। नबका पीढ़ी के मोन में सवाल उठैत अछि जे आख‍िर एकरा पहिरै सँ फायदा की हैत ? 

जनेऊ केवल धार्मिक नजैरे सँ नै, बल्कि सेहतक लिहाज सँ सेहो बहुते फायदेमंद अछि। 

१. जीवाणु आ कीटाणु सँ बचाव
जे लोग जनेऊ पहिरैत छथि और अहिसं जुड़ल नियमक पालन करैत छथि, ओ मल-मूत्र त्याग करैत काल अपन मुंह बंद राखैत छथि। एकर आदत पैड़ गेलाक बाद लोग बड़ आसानी सँ गंदा स्थान पर पैल जाय बला जीवाणु आ कीटाणुक प्रकोप सँ बैच जाइत छथि।

२. तन निर्मल, मन निर्मल
जनेऊ के कानक ऊपर कैस के लपेटबाक नियम अछि। एना केला सँ कानक पास सँ गुजरै बला ओहि नस पर सेहो दबाव पडैत छैक, जाहिक संबंध सीधे आंत सँ अछि। अहि नसपर दबाव पड़ला सँ कब्जक श‍िकायत नै होइत अछि। पेट साफ भेला पर शरीर और मोन, दुनु सेहतमंद रहैत अछि।

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३. बल आ तेज मे बढ़ोतरी
दायां कान लग सँ ओ नस सेहो गुजरती छैक, जेकर संबंध अंडकोष और गुप्तेंद्रियां सँ होइत छैक। मूत्र त्याग के वक्त दायां कान पर जनेऊ लपेटला सँ ओ नस दैब जाइत छैक, जाहिसँ वीर्य निकलैत छैक। एना में जानल-अनजानल शुक्राणु के रक्षा होइत छैक। अहिसँ इंसानक बल और तेज में वृद्ध‍ि होइत छैक।

४. हृदय रोग आ ब्लडप्रेशर सँ बचाव
रिसर्च में मेडिकल साइंस सेहो पेलक जे जनेऊ पहिरै बला के हृदय रोग और ब्लडप्रेशरक आशंका अन्य लोगक मुकाबला कम होइत छैक। जनेऊ शरीर मे खूनक प्रवाह के सेहो कंट्रोल करबा में मददगार होइत छैक।

५. स्मरण शक्ति‍ मे इजाफा
कान पर सब दिन जनेऊ राखय और कसय सँ स्मरण शक्त‍ि में सेहो इजाफा होइत छैक। कान पर दबाव पड़ला सँ दिमागक ओ नस एक्ट‍िव भ जाइत छैक, जेकर संबंध स्मरण शक्त‍ि सँ होइत छैक। दरअसल, गलति केला पर बच्चाक कान ऐंठबाक पाछु यैह मूल मकसद होइत छैक।

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६. मानसिक बल मे बढ़ोतरी
यज्ञोपवीतक कारण मानसिक बल सेहो भेटय छैक। इ लोग के सदिखन खराब काज सँ बचैय के याद रहैत अछि। संगेह एहन मान्यता छैक जे जनेऊ पहिरै बला के पास खराब आत्मा नै आबैत छैक। अहिमे सच्चाई चाहे जे भी होय, मुदा केवल मोन में एकर गहरा विश्वास होय भैर सँ फायदा त होइत अछि।

७. आध्यात्म‍िक ऊर्जाक प्राप्त‍ि
जनेऊ धारण केला सँ आध्यात्म‍िक ऊर्जा सेहो भेटय अछि। एहन मान्यता छैक जे यज्ञोपवीत में प्रभु केर वास होइत छनि, इ हमरा कर्तव्य के सेहो याद दैत अछि।

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