दरभंगा जिला के मनीगाछी प्रखंड के लगमा गांव (Gurukul Lagma Manigachi ) मे भिक्षां देहि… भिक्षां देहि… अबाज सुनीते घर के दरबाजा खुजि जाइत अछि। सोंझा नजर आबय अछि दर्जनभरी बच्चा, माथ पर चंदन, टीका आदि सुशोभित, मुख पर दिव्यता, वाणी मे सौम्यता आ आचरण मे भरपूर विनम्रता। इ बच्चा गुरुकुल के पुरान परंपरा के ओहि रूप मे संजोने अछि।
एहने एकटा आश्रम अछि दरभंगा जिलाक मनीगाछी प्रखंड के लगमा गांव मे। गुरुकुल के पुरान परंपरा के ओहि रूप मे संजोने अछि। करीब सौ बच्चा वेद, पुराण आ कर्मकांडीय ज्ञान अर्जित करैत शिक्षा प्राप्त करै अछि। अहि आश्रम सं निकैल के कतेको छात्र आगू के पढ़ाई मे सेहो सफल रहल ऐछ आ जीवन मे उच्चतम लक्ष्य रखी ओकरा पेबा मे आशातीत सफलता पेलनी।
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1963 मे स्थापित आश्रम सं निकलल छात्र आय प्रोफेसर आ आइएएस अधिकारी त कतेको संस्कृत के प्रकांड विद्वान अछि। किछ यूपीएससी एहन प्रतिष्ठित परीक्षा मे बाजी माइर देश सेवा के चुनलनी। गुरुकुल के प्रांगण मे दु टा छात्रावास अछि। आश्रम के 10 गाय के सेबाक जिम्मा यैह छात्र पर अछि। छात्र भोरे चाइर बजे उठैत अछि। वंदना, आरती-हवन आदि भोरे 10 बजे धरि होइत अछि। 10 सं 2.30 बजे धरि पढ़ाई आ तीन सं पांच धरि भिक्षाटन। लौटला पर संध्या वंदन, आरती आ फेर पढ़ाई। आश्रम मे 12 साल धरि के बच्चा के गीता, रामायण, वेद, धर्मशास्त्र के अलावा कर्मकांड के ज्ञान देल जाइत अछि। एकरा आचार्य पढ़ाई के समान मानल जाइत अछि।
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छात्र प्रतिदिन धोती-कुर्ता पहिर लगपास के गांव मे भिक्षाटन के लेल जाइत अछि आ आश्रम लेल भोजन जुटाबय छथि। अलग-अलग टोली मे छह-सात छात्र भिक्षाटन के निकलैत अछि। आसपास के गांव आ जिला मे भागवत और कथा वाचन के अलाबा कर्मकांड केला सं जे रुपया भेटय अछि ओकरा आश्रम के संचालन मे खर्च क देल जाइत अछि। दिल्ली में पदस्थ आइएएस अधिकारी डॉ. नागेंद्र झा कछि महाविद्यालय मे 1988-91 बैच के छात्र छलथि। ओ मूलरूप सं मधुबनी जिलाक अंधराठाढ़ी गांव के छथि। आश्रम के बाद एतय के संस्कृत महाविद्यालय सं पढ़ल डॉ. शंभूनाथ झा जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर मे वेद विषय के रीडर छथि।
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जवाब देंहटाएंHame bhi nambar cahiye koi de sakta h to dijiye please
हटाएंNambar dijiye sar
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