मधुबनी : मिथिलांचल क्षेत्रक चर्चित मिथिला ( Mithila Painting ) पेंटिंग के नाम आब पूरा दुनिया मे लेल जा रहल अछि। एहि ठाम एकटा एहन परिवार अछि, जिनक सभटा सदस्य मिथिला पेंटिंग के माहिर कलाकार छथि।
प्राचीन समय मे भले ही एहि पेंटिंग सँ घरकऽ दीवाल के सजायल संवाराल जाईत होय, मुदा हालक दिन मे मिथिला पेंटिंग कपड़ा और सजावटी वस्तु के संगे-संग एहिके पहचान देश-विदेश मे होमय लागल अछि।
कलाकार राजकुमार के नानी, मां, पत्नी भाई, भाभी, मामा-मामी के अलावा परिवारकऽ सब आन सदस्य मिथिला पेंटिंग के परंपरा के जीवित रखने छथि।
मिथिला पेंटिंग के नाम सँ मशहूर इ चित्रकला मिथिला निवासि के प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहरक तौर पर सेहो जानल जाईत अछि। मधुबनी जिलाक शायद कुनो गांम एहन होय, जतय एहि प्रकार के पेंटिंग नै कैल जाईत होय, मुदा एहि कला के लेल दु टा गांम- रांटी और जितवारपुर के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम भेला सँ कलाकार के विदेश मे जा कऽ काज करवा के मौका भेटलनी।
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रांटी मे लोग आयो फूल सँ बनल रंग और चित्रकारी मे लाइनक प्रयोग करैत छथि, जेखन कि जितवारपुर मे आब फैब्रिक मे लागय वला कृत्रिम रंग के सेहो प्रयोग कैल जाइत अछि। औना जितवारपुर के प्रसिद्धि एहि कारण सेहो भेटल जे एहि गांमक निवासी जगदंबा देवी के मधुबनी कला के लोकप्रिय बनेबा मे योगदान मानल जाईत छनि।
भेट चुकल अछि राष्ट्रीय पुरस्कार
दिवंगत जगदम्बा देवी के वर्ष १९७० मे राष्ट्रीय पुरस्कार और १९७५ में पद्म पुरस्कार सँ सम्मनित कैल गेल छलनी। जगदंबा देवी के गुजरला के बाद हुनक विरासत के संभालवा और हुनक कला के आगु बढ़ेवा के लेल हुनक भतीजी यशोदा देवी जिम्मा समाड़लनी। मिथिला पेंटिंग के चर्चित कलाकार और बहुते सम्मान आ पुरस्कार सँ सम्मनित यशोदा अपन पूरा जिनगी मिथिला कला के लेल समर्पित कऽ देलिथी। कहल जाईत अछि जे यशोदा देवी सात-आठ वर्ष सँ रंग और कुच्ची सँ खेलय लागल छलथि। यशोदा देवी आय भले नै छथि, मुदा हुनक विरासत के आब हुनक दु टा पुत्र अशोक कुमार दास और राजकुमार लाल आगु बढ़ेवा मे लगल छथि।
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१५ बरख सँ कऽ रहला कला के प्रचार-प्रसार
राजकुमार पटना मे रहीके पिछला 20 बरख सँ एहि कला के बहुआयामी पक्ष के प्रचार-प्रसार कर रहल छथि। मॉरीशस सरकारक आमंत्रण पर ओतय स्थित रवींद्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट के शिक्षक के मिथिला कलाक बारीकि सँ अवगत कऽ चुकल छथि। एहिके अलावा देश के विभिन्न शहर मे लागए वला कला प्रशिक्षण शिविर मे जा के राजकुमार हजारों प्रतिभागि के मिथिला चित्रकला के प्रशिक्षण दऽ रहल छथि। एमहर, राजुकमार के पत्नी विभा देवी सेहो लड़कि सब के मिथिला पेंटिंग के प्रशिक्षण दऽ रहल छथि। " यशोदा देवी के पुत्र अशोक कुमार दास पटना सहित दक्षिण भारत मे मिथिला पेंटिंगक प्रचार-प्रसार मे जुटल छथि।
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