मंगलवार, 4 अगस्त 2015

मचिया बैसलि अहाँ कनियां से कनियां सुहबे लिरिक्स | कोहबर लोकगीत

Machiya Baisali Ahan Kaniya Se Kaniya Suhabe

मचिया बैसलि अहाँ कनियां से कनियां सुहबे
झाड़थि नामी नामी केश हे
पलंगा बैसल अहाँ दुलहा से फल्लां दुलहा
निहारथि बदनि शरीर हे
जेहो किछु मांगब धनि सेहो किछु मांगि लीअ
इहो थिक कोबरक रीत हे
एक तऽ मंगइ छी प्रभु डुमरीक फुलबा
दोसर बधक दूध हे
बारह बरख हम निकुंजवन सेवल
तइयो नहि मिलल डुमरीक फूल हे
बारह बरख हम निकुंजवन सेवल
तइयो ने मिलल बाघक दूध हे
हाटे बजार सौं सिनूर मंगायब
दूनू मिल भोगब संसार हे
हाटे बजार सँ मधुर मंगायब
दूनू मिलि जोड़ब सिनेह हे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !