गुरुवार, 6 अगस्त 2015

जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग लिरिक्स (पराती) - Jagu Re Man Shiv Chhathi Gaurik Sang Lyrics

-:पराती:-

जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग 
जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग

भाल विशाल बाल शशि शोभित,
तेहि बैसल सिर गंग। 
भाल विशाल बाल शशि शोभित,
तेहि बैसल सिर गंग। 
जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग

गौरीक कोर मे गणपति किलकथि,
कातिक भरल उमंग । 
गौरीक कोर मे गणपति किलकथि,
कातिक भरल उमंग । 
जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग

स्नेहलता अनुपम छवि निरखथि, 
भेल सकल भय भंग ।
स्नेहलता अनुपम छवि निरखथि, 
भेल सकल भय भंग ।
जागु रे मन, शिव छथि गौरीक संग

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