गुरुवार, 24 जनवरी 2019

एकदिस छिलके गंग नीर लिरिक्स - Ekdis Chhalke Gang Nir Lyrics

एकदिस छिलके गंग-नीर, दोसर भस्मे भरल शरीर
तेसर ठाढ़ छथि मैना के अंगनमा, गौरी के सजनमा ना

एक हाथ डामरु के डिमकाइ, माथे जटा विशाल बढ़ाइ
हिनकर भांग लेल रकटल परनमा, गौरी के सजनमा ना

अपने बसहा छथि असबार, राखल घर आ ने द्वार
संगे गौरी रखता कोन भवनमा, गौरी के सजनमा ना

नागक लटकल डोर देखू, नमरल हिनकर ठोर
बाघक छाल छनि ओढ़न-पहिरनमा, गौरी के सजनमा ना

सखि सभ देखल जखन रूप, नहि छथि योगी नहि भूप
ई तऽ दरिद्रक करथि दुखहरनमा, गोरी के सजनमा ना

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