गुरुवार, 22 नवंबर 2018

राम भजन में मन रँगि गेलै लिरिक्स - am Bhajan Mein Man Rangi Gelai Lyrics

राम भजन में मन रँगि गेलै॥धु्रव॥

जनम-जनम के हियरा के काई।
एके लहरिया में बहि गेलै यार॥राम.॥

अब न सोहाबै ई जग के बजरिया।
मोरा लेखें सगरो उजरि गेलै यार॥राम.॥

पचरंग चोला सफल भेलै, अब मन।
राम मिलन लागि उमगि गेलै यार॥राम.॥

मोह-निसा में सूतल रहलौं।
अब मन हमरो जगि गेलै यार॥राम.॥

तीत विषय रस त्यागि ‘करीलवा’।
प्रभु-पद पंकज पगि गेलै यार॥राम.॥

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