सामा खेलऽ गेलौं माइ हे सौरभ भैया आंगन
आहे, कनियां भौजी लेलनि लुलुआय
कि ननदि कतऽ अयलौं हे
जुनि लुलुआउ हे भौजो, जुनि पढ़ू गारि
आहे जाबत रहबै माय-बाप राजमे
ताबत खेलब सामा हे
आहे माय-बापक राज जहिया छुटि जेतै हमरो
छुटि जैते तोहरो आंगन हे
आहे, जाबत रहबै माय-बाप राजमे
सामा खेलऽ आयब हे
आहे, एतबा वचन जे सुनल मोर भइया
मारल बरछी घुमाय
कि बहिन मोर पाहुन रे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !