रविवार, 7 जून 2015

सुन्दर कनियाँ रामरतनियां हीरा मोती लागल केबाड़ लिरिक्स | कोहबर लोकगीत

Sundar Kaniya Ramrataniya Hira Lyrics

सुन्दर कनियाँ रामरतनियां हीरा मोती लागल केबाड़ हे
नव कनियां कनियाँ
ताहि कोबर अपन सासू पलंगा ओछौलनि सुतथु धी जमाय हे
नव कनियां कनियाँ
घुरि सुतू फिरि सुतू राजाजी के बेटवा अहूँ देह गरमी अपार हे
नव कनियां कनियाँ
एतबा वचन जब सुनलनि दुलहा घोड़ी पीठ भेला असवार हे
नव कनियां कनियाँ
रभसैत-चहकैत सरहोजि अयलथिन धय लेल घोड़ाक लगाम हे
नव कनियां कनियाँ
हँसैत-खेलैत जाउ हमरो नन्दोसिया, ईहो थिक कोबराक रीत हे
नव कनियां कनियां

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