मंगलवार, 9 जून 2015

गंगा जे बहि बहलै जमुनियां हे लिरिक्स - कोहबर गीत

Ganga Je Bahi Balai Jamuniya He Lyrics

गंगा जे बहि बहलै जमुनियां हे सखि सुन्दर कोबर
बीच मे बहै छथि सरजुग धार हे सखि सुन्दर कोबर
ताहि पैसि अपन सासु पलंगा ओछओलनि हे सखि सुन्दर कोबर
खोइंछा भरि-भरि फुल छिड़िआएल हे सखि सुन्दर कोबर
ताहि पैसि सुतलनि दुलहा से रामचन्द्र संग लागि सीया सुकुमारि हे
घुरि सुतू फिरि सुतू राजा जी के बेटिया अहूँ देह गरमी अपार हे
एतबा वचन जब सुनलथि से फलाँ सुहबे कोबरसँ भऽगेली बहार हे
जुनि रूसू जुनि बहराउ कनियाँ हे सुहबे मानि लीअऽ वचन हमार हे

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