सोमवार, 29 मई 2017

मिथिलाक मखान - उत्पादन आ औषधीय गुण

मिथिला धरोहर : Mithila Makhan,  Makhana Food -  मखानक खेती के उचित प्रश्रय भेटय तऽ कोसी के किसानक लेल इ वरदान साबित भऽ सकैत अछि। पोखैर, तालाब आ दलदली क्षेत्रक शांत पैइन में उगय वला मखान पोषक तत्व सँ भरपुर एकटा जलीय उत्पाद अछि। मखान मे 9.7% आसानी सँ पचयवला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस आ प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होइत अछि।
मखानक उत्पादन
मिथिलांचलक दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढी, पूर्णिया, कटिहार आदि जिला मे मखानक सार्वाधिक उत्पादन होइत अछि। मखान के कुल उत्पादन का 88% बिहार मे होइत अछि, या एना कही जे मिथिलांचल मे होइत अछि।

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मखाना के फाक्सनर या प्रिकली लिली कहल जाइत अछि। एकर पत्ता, डंडी आ फल पर छोट-छोट कांट होइत अछि। वनस्पति शास्त्र मे एकर नाम यूरेल फरोक्स अछि। मखाना मे जड़कंद होइत अछि। एकर बड़का-बड़का गोल पत्ता पैइनक सतह पर हेलैत रहैत अछि।
औषधीय गुण
मखान आर्गेनिक हर्बल सेहो कहल जाइत अछि। जीर्ण, अतिसार, ल्यूकोरिया, शुक्राणु के कमी आदि मे इ उपयोगी अछि। इ एन्टीऑक्सीडेंट गुण सँ भरपूर अछि। तहिलेल श्वसनतंत्र, मूत्राशय एवं जननतंत्र सँ संबंधित बीमारि मे इ लाभप्रद होइत छै। मखानक नियमित सेवन केला सँ ब्लड प्रेसर, कमर और ठेहुनक दर्द के नियंत्रित होइत छै। प्रसवपूर्व एवं जनेना मे आयल कमजोरी के दूर करबाक लेल दूध मे पका कऽ देल जाइत अछि।

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मंगलवार, 23 मई 2017

मैथिली किस्सा : गोनू झा भोज केलखिन

मिथिला धरोहर : जखन गोनू झा बृद्ध पिताक देहांत भऽ गेलनि तऽ गौंआँ लोकनि के प्रसन्नता भेलनि जे एकटा दमगर भोज पैर लागत। साराझप्पीक बाद गौंआँ सभ गोनू झाक दलान पर जुमैत गेलाह आ हुनक पिताक महानताक बखान करैत वृषोरत्सर्ग श्राद्धक संग असिद्ध भोज करबाक सुझाब देबय लगलथिन। बेर बेर असिद्ध भोजक आग्रह करैत देखि गोनू झा कहलखिन जे ओना तऽ हमरा पैसा कौरी के अभाव अछि, मुदा हम प्रयास करब आ अहाँ लोकनिके इच्छाक पूर्ति करबाक चेष्टा करब।मुदा गौंआँ सभ एके ठाम कहि देलखिन जे पाइ बिना ककरो श्राद्ध कतहु पड़ल रहलैक यै।  सऽर समाज आखिर कोन दिन लेल रहैत छैक।अहाँ मात्र हँ कहि दियौ। सभ वस्तुक प्रबंध भऽ जैयतक। गोनू झा देखलनि जे इ सभ नहि मानत। मधुरक भोज गछबाइये कऽ छोड़त आ ताहि लेल टाका पैसाक प्रबंध सेहो कऽ देत, मुदा जखन मधुरक भोज करहिये पड़त तऽ कर्ज कियाक लेब।

गोनू झा बजलाह 'ठीक छैक। अपने सभक इच्छाक पूर्ति होयत। हम टाका पैसाक जोगार स्वयं कऽ लेब आ अहाँ सभक मूँह मिट्ठो करा देब।"
सभ तृप्त होइत अपन - अपन घर जाइत गेलाह।
क्रमशः श्राद्धक समय लगचियाल गेल आ गौंआँ सभ अपन - अपन पेट सोन्हाबऽ लगैत लगला।

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श्राद्धक दिन जखन नोंत देब आरम्भ भेल तऽ लोकक प्रसन्नताक मन अपना - अपना ढंगे खयबा आ लयबाक योजना बनबय लागल।संध्या काल जखन बिझहो भेल तऽ केओ छिपली - लोटा, तऽ केओ पितरिया बरगुन्ना, तऽ केओ कसकुटक बट्टा लऽ कऽ गोनू झाक घर दिस विदा होइत गेलाह किछु खन्हन किछु मोटरी बन्हनक मन्सूबा पोसने सभ हुनक दलान पर गज - गज करय लागल।

चटपट बीड़ी बैसाओल गेल। करमान लागल लोक अपन उचित स्थान ताकि - ताकि बैसैत गेलाह। पुरैनिक पात परसनाइ आरम्भ भेल | जिनका जेना इच्छा भेलनि, पात लऽ कऽ ओकरा सजोलनि आ जल - सिक्त करैत गेलाह। कने कालक लेल शांति पसरल रहल। फेर दू तीन बलिषट बारिक छिट्टा कन्हापर रखने आँगन सँ बहरायल। छिट्टा देखैत देरी, सभक जीह सँ पानी उधिआय लगलनि.....मुदा पात पर मधुरक बदलामे जखन कुसियारक छोट - छोट टोनी सभ खसय लागल तऽ निमन्त्रित ब्राह्मन हहा - हहाकऽ निचा खसय लगलाह - ई गोनूआँ सभ के बुरि बना कऽ चली गेलौं।
तखने गोनू झा अपन बटलोही सन पेट पर हाथ फेरैत आँगनां सँ बहरयालह "हँ, तऽ आब नैवेध देल जाय"। पुनः कऽल जोडैत आगू बजलाह '
आइ स्वर्ग मे हमर पिता कतेक प्रसन्न होइ़त हेताह, जे एतेक रास ब्रह्मण देवता हुनका नाम पर बैसल भोजन कऽ रहल छथि।'

गामक मुखिया के नहि रहल भेलनि, बजलाह "की हओ गोनू, एकोरत्ती तोरा लाज नहि होइ छऽ जे दलान पर बैसा हमरा सभ के बुरि बना रहल छऽ।

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गोनू गम्भीर मुद्रामे प्रत्युत्तर कयलथिन "हम के होइत छी अपने सभ के बुरि बनौ़निहार। अहाँ लोकनि तऽ जानै छी जे सब मिठाइयेक जैड़ होइत अछि कुसियार, तें तरह - तरह मिठाइक फेरी सँ हम बुझल जे किएकने तकर मुले अपन लोकनिक समक्ष राखल जाय। होइयौ, आब अधिक विलम्ब नहि करियौ।
ब्रह्मण देवता लोकनि कें जखन अपन गलतीक भाज भेलनि तऽ बकार नहि फुटलनि।
अन्ततोगत्वा टोनिकें चिबबैत मोनहि मोन गोनूक श्राद्धक संग संग अपन अपन पेटोक श्राद्ध करय लगलाह।
@प्रभाकर मिश्रा 'ढुन्नी'
Tags : # Gonu jha # Maithili Story

बुधवार, 17 मई 2017

श्रीलंका में रेमंत कुमार करताह मिथिला पेंटिंग

मधुबनी : आब जल्दीए श्रीलंका के राजधानी कोलंबो मे सेहो मधुबनी पेंटिंग के परचम लहरायत। भारत सरकार के शिल्प कला संस्थान द्वारा पूरा देश सँ विभिन्न विद्या कऽ कलाकार के कोलंबो भेजल जा रहल अछि। जाहिमे बिहार सँ मिथिला पेंटिंगक क्षेत्र में प्रतिनिधित्व सेहो कैल जायत। इ प्रतिनिधित्व जितवारपुरक युवा कलाकार रेमंत कुमार मिश्रा करताह। हुनका सुंदर मिथिला पेंटिंगक लेल केंद्र सरकार द्वारा चयन कैल गेल छनि।

रेंमत कुमार मिश्रा कहै छथि जे हम 10 वर्षक उम्र सँ अहि कला मे जुड़ गेल छलहुँ। 1995 में पहिल बेर सीसीआरटी छात्रवृत्ति के लेल चुनल गेल छल। ओकर बाद 2014 में राज्य पुरस्कारक लेल बिहार सरकार द्वारा चयन कैल गेल। ओतहि गोआ में बेहतर कला कृति के लऽ कऽ  सांस्कृतिक कला परिषद गोआ द्वारा ताम्रपत्र सँ सम्मानित कैल गेल।

श्री मिश्रा बतेलखिन जे हम जेखन छोट छलहुँ ताहि समय अपन दादी राज्य पुरस्कार प्राप्त स्व. मुनेश्वरी देवी केर पेंटिंग करैत देखैत छलहुँ। ओहिये समय मे पेंटिंग के कूची पकड़नाय शुरू कऽ देलहुँ। दादी के देहांतक उपरांत चाची पद्मश्री सीता देवी सँ कलाकारीक विशेष बात सीखलहुँ। तऽ धरि सँ एखन धैर बहुते शहर में पेंटिंगक प्रदर्शनी में भाग लऽ चुकल छि। श्री मिश्रा अहि सँ पूर्व दु बेरा चायना, एक बेरा हांगकांग सेहो जा चुकल छथि। ओतहि जेएनयू में मिथिला पेंटिंग पर कार्यशाला में भाग लेने छलथि। जेखनकि गुजरात के बरौदा विश्वविद्यालय में मधुबनी पेंटिंग पर सेमिनारक आयोजन भेल छल जाहिमे हिनका ओहिक नेतृत्व करबाक मौका भेटल छल।
सोर्स : प्रभात खबर

मंगलवार, 2 मई 2017

राजनगर पैलेस : हिन्दू-रोमन शैली मे बनल 140 साल पुरान महल

मिथिला धरोहर, प्रभाकर मिश्रा : मधुबनी सँ 12 किमी दूर राजनगर स्थित राजनगर पैलेस ( Rajnagar palace ) के दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह 1880 ई० मे हिंदू रोमन शैली मे बनवेने छलैथ। राजनगर पैलेस 1934 के भूकंप मे खराब जँका क्षतिग्रस्त भ गेल छल। भूकंप उपरांत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सेहो अहिके देखय लेल आयल छलथी। पैलेस के दरबार महल चाइर हाथीक पीठ पर बनैल गेल अछि।

लोग अखन सेहो एतय के नौलखा महल मे बनल काली मंदिर, कामाख्या मंदिर, गिरिजा मंदिर, दुर्गा मंदिर, महादेव मंदिर मे पूजा करबाक लेल आबैय अछि। अहि पूरा परिसर मे कुल 11टा मंदिर अछि। अहि मंदिरक निर्माण लेल फ्रांस सँ कारीगर बजायल गेल छल।हालांकि मरम्मतक बावजूद किछ मंदिर आब दरकय लागल अछि। इ एकटा बेहतरीन पर्यटन स्थल बैन सकैत अछि।
एखन एकर बड़का हिस्सा मे सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षण केंद्र चली रहल अछि।