गुरुवार, 18 फ़रवरी 2016

नीची रे पोखरिआ के ऊँची रे मोहार लिरिक्स

नीची रे पोखरिआ के ऊँची रे मोहार
राम, ताही पइसि विषहरि करू स्नान
नहाय सोनाय विषहरि थकरथि केश
राम, सोना के ककहिया काग लए गेल
कनैते-खीजैते विषहरि आमा आगू ठाढ़ि
राम, सोना के ककहिया आजु काग लए गेल
जुनि कानू, जुनि खीजू, विषहरि माय
राम, सोना के ककहिया हम देब बनबाय
फल मध्य गुअबा, नैवेद्य मध्य पान
राम, देवी मध्य विषहरि जगत लोक जान

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