नन्दनक नन्दन कदम्बक तरु तर,
धिरे-धिरे मुरलि बजाब।
समय संकेत निकेतन बइसल,
बेरि-बेरि बोलि पठाव।।
साभरि, तोहरा लागि अनुखन विकल मुरारि।
जमुनाक तिर उपवन उदवेगल,
फिरि फिरि ततहि निहारि।।
गोरस बेचरा अबइत जाइत,
जनि-जनि पुछ बनमारि।
तोंहे मतिमान, सुमति मधुसूदन,
वचन सुनह किछु मोरा।
भनइ विद्यापति सुन बरजौवति,
बन्दह नन्द किसोरा।।
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