रविवार, 12 अप्रैल 2015

सोना के पलकिया सँ सीता के उतारू - कनियाँ परिछन गीत

Sona Ke Palkiya Sa Sita Ke Utaru Lyrics

सोना के पलकिया सँ सीता के उतारू, हे डोलय ने पाबय
मोर सीता अति सुकुमारि, हे डोलय ने पाबय
पालकी के आगू-पाछू डाला भरि पान, आओर भरल दुभि-धान
धीरेसँ उतारू सोना के पलकिया, हे आँचर नहि फारय
मोर सीता अति सुकुमारि, हे डोलय ने पाबय
कहथिन वशिष्ठ मुनि सीता के अनुशासन, हे डोलय ने पाबय
कौशल्या के पूरल मन आसा, हे डोलय ने पाबय

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