समदाउन गीत लिरिक्स मैथिली में ● जनक नगर सँ चलली हे सीता● कल जुड़ी विनती करथि हेमन्त ऋषि● काथी लाय भेलै अगहन सखी हे● केओ जे कानय रंग महल मे, केओ कनय दरबार● एते दिन आहे सखि संग-संग रहलहुँ● बारह बरस के हमरो उमरिया तेरह बरस नेने जाय● कथी लए भेलै सखि हे मोर गओनमा● के मोरा जन्म देल केये मुहमा उरेहल● सूतल छलहुँ बाबा के हबेलिया● सोन सन धीया के सुबुधि जमइया● जनक भवन सँ चलली सीता दाइ● सूतल छलहुँ बाबा केर हवेलिया● कथी लए एलै सखि अगहन महीनमा● बाबा केर अंगनामे ऐलै कहरिया● जखन गौरी दाई घर सँ भेली● बड़ रे जतनसाँ सिया धिया पोसलहुँ● जाहि निकुंज वन हमरो के देलिअइ● डोलिया कहार नेने ठाढ़ दुअरिया● जखन सुनयना डोली दिस ताकथि● सिया हे वरण कएल, सब हे मुदित भेल● गौरी के आंगन सोहाओन माइ हे● अंगनामे घुमि-घुमि सीता बेटी कानथि● कओने नगर संओ आयल तपसिया● नैहर हमर जनकपुर रे सखिया सासुर दूर के देश● राजा दशरथ एक पतिया पठओलनिइहो पढ़ब :-० बियाह सँ द्विरागमन धरिक मैथिली गीत० मैथिली सिंदूरदान गीत लिरिक्स
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