सोमवार, 30 सितंबर 2019

बांका के साकेत सौरभ अभिनय के दुनिया मे मचा रहल छथि धमाल

मिथिला धरोहर : मूल रूप सं बांका जिला के शिक्षक लक्ष्मी ललन झा के पुत्र साकेत सौरभ ( Saket Saurabh ) अभिनयक दुनिया मे धमाल मचा रहल छथि। हिनकर नानी गाम मधुबनी जिला अंतर्गत पिलकवार गाउँ छनि। साकेत जहन 2 सालक छलाह तहने हिनकर परिवार झारखंड के गढ़वा (सहिजना मोहल्ला) शहर रहय चली गेला।
साकेत सौरभ एखन धरि वेब सिरीज दूल्हा वांटेड, पेटीएम के विज्ञापन सहित आन काजक कारण बिहार, झारखंड सहित देश भरी मे अपन पहचान बना चूकल छथि। हिनकर काजक चर्चा सब दिस भ रहल छनि। वर्तमान मे हिनका पास बॉलीवुड फिल्म आ आन विज्ञापन के ढेरो आफर आबी रहल छनि। साकेत दिल्ली मे रही क रंगमंच के कलाकारक तौर पर पांच वर्ष धरि काज क चुकल छथि। रंगमंच निदेशक अरविद गौड़ के निर्देश मे ओ अभिनय के बारिकि सिखलथि। साकेत 2012 मे स्नातक के डिग्री लेबाक उपरांत अस्मिता थिएटर सं जुरी क अभिनय के दुनिया मे डेग रखला।हिनकर अहि उपलब्धि सं मिथिला सहित पूरा बिहार - झारखंड गौरवांवित भ रहल अछि। 


रविवार, 29 सितंबर 2019

फरल लवंग दूपत भेल सजनी गे | विद्यापति

रचनाकार - विद्यापति
बटगमनी गीत 

फरल लवंग दूपत भेल सजनी गे
फल-फूल लुबधल डारि
खोंइछा भरि तोरल फफरा भरि तोरल
सेज भरि देल छीरियाय
फूलक धमक पहुँ जागल सजनी गे रुसि चलल परदेस
बारह बरख पर लौटल सजनी गे
ककबा लैल सनेस ओहि ककबा लय थकरब सजनी गे
रुचि-रुचि कैल सींगार
भनहि विद्यापति गाओल सजनी गे
पुरुषक नहिं विश्वास

गुरुवार, 26 सितंबर 2019

टेमी गीत, मैथिली टेमी लोकगीत लिरिक्स - Maithili Temi Geet Lyrics

प्रिय रघुवर नयना कसिकऽ धरू - लिरिक्स

प्रिय रघुवर नयना कसिकऽ धरू
काँपनि सिया केर गात
श्रीखण्ड चानन घसिकऽ धरू
पानक पात लए आँखि मुनाओल
शुभ घड़ी टेमी लेसि कऽ धरू
ई अवसर नहि लाजक बेर थिक
अपन हाथ सक्कत करू
प्रिय पाहुन नयना कसिकऽ धरू
नहु-नुह धर सखि बाती
धरकय कोमल छाती
नहु-नहु पान पसारह
नहु-नहु दुहु दृग झाँपह
मधुर-मधुर उठ दाहे
मधुर-मधुर अवगाहे
कुमर करह विधि आजे
मधुश्रावणी भल काजे


● आजु जनकपुर मंगल सखि लिरिक्स

आजु जनकपुर मंगल सखि सभ गाबथि हे
शुभ दिन पाबनि आजु हेतिन सिया दाइक हे
करतल धय पान जुगुति संओ मूनब
सीता दाइ केर नयना श्री राम हे
भालरि जकाँ सीता दाइ थर-थर कांपथि
टेमी देल हरखित श्री राम हे
श्रीखण्ड चाननक लेप कय देल
धन्य छथि विधिकरी सुजान हे


बुधवार, 25 सितंबर 2019

दहनही काल के गीत - Maithili Dehnahi ke geet

दनही लोकगीत लिरिक्स

● राधा चलि भेलि गंगा असननमा लिरिक्स

राधा चलि भेलि गंगा असननमा
संग मुरली मोहनमा ना
राधा खोली राखल चीर
ओ उतारि देल चोलिया
ओतऽ कूदि भेली बिचे जमुनमा
संग मुरली मोहनमा ना
कृष्ण उठाय लेल चीर
चढ़ला कदमक बीच
कर जोड़ि करथिन राधा मिनती ना
संग मुरली मोहनमा ना


● धनि संग करि असनाने लिरिक्स

धनि संग करि असनाने
निरखल हमे अनजाने
कदलिक दल तन लागे
छछलि सकल जल भागे
चिकुर फुजल अलि कारी
अंकम गहि रह सारी
टपटप मोति पथारा
अलक तिमिर बिच तारा
शशि मुख सागर छानल
पुनिमक शशि धय आनल
जलक थिकनि बड़ भागे
सगर रमनि तन लागे
कुमरक दह असनाने
सतत लिखल रहु ध्याने
वर केँ खयबा काल

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

आयो मधुबनी के हरलाखी मे अछि भगवान राम केर तीर

मधुबनी : सुनबा मे लोग के भले ही अचरज होइन या सहजे विश्वास नै होइन, मुदा मधुबनी जिलाक हरलाखी ( Harlakhi ) मे एखनो भगवान श्रीराम केर चलायल तीर मौजूद अछि। लोग एखनो अहि तीरक श्रद्धा सँ पूजा अर्चना त क रहल छथि, मुदा अहिके संरक्षण या देखरेखक पहल नै भ रहल अछि। 

बताओल जा रहल अछि जे चाइर सौ साल सं बांस मे बैंह के अहि देव तीर के लटका क रखल गेल अछि। अहिके पूजा अर्चना निरंतर जारी अछि। जाहि स्थल पर भगवान श्रीराम केर तीर अछि, ओ स्थल फुलहर गांव के बाग तराई नाम सं जानल जाइत अछि। अहि बात के प्रामाणिकता के ल स्थानीय मंदिर के पुजारी सं ल के गांव के ब'र बुजुर्ग के कहबा के संगे सदि सं परिक्रमा डोला मे देश विदेश सं आबय बला श्रद्धालु, विद्वान के पूजा अर्चना और शास्त्रोक्ति सेहो अछि। रामायण मे सेहो बाग तराई के जिक्र गोस्वामी तुलसी दास केने छथिन। वर्तमान मे एकटा बांस पर चक्र रूपी तीर अछि। अहिके तीन हिस्सा मे चंद्राकार तीर बनल अछि। इ कोन धातु सं बनल अछि, एकरा एखन धरि नै त परखबा के कोशिश कैल गेल आ नै अहि दिशा मे पहल। मुदा खुजल हावा, पैन मे सदि सं भेलाक बादो अहिमे एखन धरि कुनो प्रकार के नै त जंग लागल अछि और नै एकर रंग मे कुनो बदलाब।

परिक्रमा डोला मे आयल श्रद्धालु करैत छथि पूजा : सालों सं अहि तीर के पूजा होइत आबि रहल अछि। सब साल विश्व प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा मे अयोध्या आ देश विदेश सं आयल विद्वान आ श्रद्धालु अहि जगह ठहरै छथि, एतय सं  परिक्रमा मेलाक शुरुआत सेहो होइत अछि।

जानकी कुंड के खुदाई मे भेटल इ तीर, कोन धातु के बनल अछि एकर अखन धरि प्रमाण नै अछि। मुदा 4 सौ साल सं बाहर हेबाक बादो जंग नै लागल। 

राम-सीता विवाह आ प्रथम मिलन सं जुड़ल अछि तीर के कहानी
श्रीराम माता जानकी सं बियाह लेल जनकपुर पहुंचलाह त सीता केर सखि कहली जे यदि अहाँ वीर छि त प्रमाण दि'अ, एकरा लेल सखि कहली जे अहाँ तीर के माध्यम सं हमरा ओहि स्थल के बारे मे बताऊ जतय अहाँ माता सीता सं पहिल बेरा भेटल छलहुँ। वापस तीर ओहि जगह सं लौटी क अहाँ लग आबि जायत, त अहाँक वीरता के मैन लेब, भगवान श्रीराम सखि के म'न रखबाक लेल इ   शर्त मानी लेने छलथि।

दोसर दिस सखि सब माता सीता सं कहलैन जे अहाँ अपन सखि के संग दि'अ। एहन यत्न करु जे श्रीराम द्वारा छोरल गेल तीर वापस नै लौटय। यैह भेल। कहल जाइत अछि जे श्रीराम द्वारा छोरल गेल तीर बाग तराई के समीप बनल जानकी कुंड मे आयल जरूर, मुदा माता सीता केर कारण ओ  आपस नै लौटल, इ वैह तीर अछि।

राम सीता केर मिलन आ हुनक जीवन लीला के कहानी के जुड़ाव फुलहर सं अछि, एकर प्रमाण रामायण मे सेहो अछि। रामायाण के बालकांड मे दोहा 227 मे तुलसीदास जी लिखने छथि 
''बागु तड़ागु बिलोकि प्रभु हरषे बंधु समेत, 
परम रम्य आराम यहु जो रामहि सुख देत'' 
एहिसँ पहले पंक्ति मे लिखल अछि 
''मध्य बाग सर सोह सुहावा, 
मनि सोपान बिचित्र बनावा, 
बिमल सलिलु सरसिज बहुरंगा, 
जलखग कूजत गुंजत भृंगा''.

दरभंगा महाराज करने छलथि जानकी कुंड के खुदाई
दरभंगा महाराज के समय मे फुलहर बाग तराई के समीप बनल जानकी कुंड के खुदाई कराओल गेल छल। अहिमे कतेको प्रकार के सामान निकलल छल। अहि मे इ चक्र रूपी तीर सेहो छल। एकरा स्थानीय लोग दरभंगा महाराज सं कुनो तरहे मांगी लेने छल। तहिया सं आय धरि इ तीर एनाही राखल अछि।

हं सब साल राम नवमी के दिन अहि तीर के उतैर के ओहिमे घी, सिनुर लगायल जाइत अछि। नबका बांस मे ध्वजा बना के ओकरा दुबारा लटका देल जाइत ऐछ। बताओल जाइत अछि जे अहि चक्र रूपी तीर मे घी आ सिंदूर लगायल जाइत अछि त इ सोना जँका चमकय लागय अछि।

बुधवार, 18 सितंबर 2019

जयमाला लागि गरबा झुकबियो यो राम - जयमाल गीत लिरिक्स

Jaimala Lagi Garba Jhukabiyo Yau Ram

जयमाला लागि गरबा झुकबियो यो राम-2 
जयमाला लागि गरबा झुकबियो यो राम

धरती क' बेटी हथि पहिरू जयमलवा राघो जी-2 
से धरती क' भार आब मेटियो यो राम जी-2 
जयमाला लागि गरबा झुकबियो यो राम

जयमाला लागि गरबा झुकबियौ यो राम-2 
ललिता स्नेह सिया के छोटी छोटी बहियां-2 
से जयमाला लागि गरबा झुकबियौ यो राम-2


शबरी बुहारै डगरिया हो राम लिरिक्स - Shabari Buhare Dagariya Ho Ram Lyrics

शबरी बुहारै डगरिया, हो राम, सबरी॥धु्रव॥

उमगि-उमगि नित डगरी बुहारै,
आजु मोरा अइहैं सँवरिया, हो राम.॥1॥

जनम जनम के प्यासे नैना,
छविरस पैहौं गगरिया, हो राम.॥2॥

सैंपी राम-पद प्रान-धरोहर,
होइहौं मगन बाबरिया, हो राम.॥3॥

बहुत दिवस बीते पद जोहत।
प्रभु बिनु सूनी नगरिया, हो राम.॥4॥

गुरु वचनन की एक आस मोहि,
जोहति प्रभु की डगरिया, हो राम.॥5॥

छबि रस-प्यास -करीलहू’ के उर,
कमल नयन धनुधरिया, हो राम.॥6॥

सोमवार, 16 सितंबर 2019

मिथिलाक मीठ अबाज मैथिली ठाकुर

मिथिला धरोहर :  जीवनक हर छन संगीत सं भरल अछि, आवश्कता छै त बस महसूस करबा के। सबटा शोर के छोइर ओकरा सुनबा के। संगीत के अपन और हर जीवनके जरूरी हिस्सा मानैत छथि मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी प्रखंड के बनकट्टा गाँउ निवासी मैथिली ठाकुर। ओना त संगीत हिनका विरासत मे भेंटलनी, मुदा हिनक 13 साल के साधना हिनका हर सुर मे नजैर आबय छनि।

मिथिला के शान मानल जाइत छथि मैथिली ठाकुर। हाले मे 20 साल के भेलीह मैथिली के मैथिली मे गाना सबसं बेसी पसिन छनि। आ ओहो मैथिली यानी मां सीता केर जीवन सं जुरल प्रसंग हिनक शास्त्रीय संगीत मे और रस घोइल दइत अछि। अतेक कम उम्र मे मैथिली देशक पहिल पंक्ति के शास्त्रीय गायक मे शामिल छथि। हाले मे आकाशवाणी मैथिली ठाकुर के संग एहन अनुबंध केलक ऐछ जाहिके अंतर्गत मैथिली के द्वारा गाओल गेल शास्त्रीय संगीत के 99 साल धरि प्रसारित कैल जायत। इ एकटा कीर्तिमान अछि जे एतबी कम उम्र के कुनो भी गयिका सं आकाशवाणी दिसन सं एखन धरि एहन कुनो अनुबंध नै भेल। शास्त्रीय संगीत, मैथिली आ आन लोकभाषा के जानल-मानल गायिका छथि मैथिली ठाकुर।
जन्म संगीत के लेल भेलनी  : मैथिली कहैत छथि जे हुनकर जन्म संगीत के लेल भेलनी। ओ बच्चे सं संगीतक वातावरण मे पोसेली। हिनकर पिता रमेश ठाकुर अपने सेहो संगीत के टीचर छथि। हिनक देखरेख मे मैथिली अपन संगीत के शिक्षा लेलनि और अखनो भी ओ अपने आप के अभ्यासरत शिष्ये कहैत छथि। दिनक शुरुआते हिनक हारमोनिया पर ओंगरी चलबैत होइत छनि। हिनका अहि  गीत-संगीत के अभ्यास मे तबला पर संग दैत छथि हुनक बड़का भैय रिषभ ठाकुर और छोटका भैय अयाची ठाकुर हिनका संग सुर सं सुर मिलाबैत अछि। फिलहाल मैथिली दिल्ली के आत्माराम सनातन धर्मं कॉलेज सं अपन पढाई पूरा क रहल छथि। संगेह गीत-संगीत के सफर के बेहतर बनेबाक प्रयास मे छथि। 
                      
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मैथिली पहिल बेरा साल 2011 मे लिटिल चैंप्स के ऑडिशन देने छलथि मुदा ओ रिजेक्ट भ गेल छली। एकरा बाद कतेको शोज के लेल ऑडिशन देलथि, मुदा टॉप 20 तक आबि के रिजेक्ट भ जाइत छली। हिनका 6 बेरा रिजेक्शन के सामना करय परलनी मुदा हाइर नै मनलि। फेर 2015 मे जीनियस यंग सिंगिंग स्टार सीजन 2 के खिताब जीतने छली। ओतय इंडियन आइडल जूनियर 2 मे सेहो टॉप 20 मे जगह बनेने छली। मैथिली 5 बेरा दिल्ली राज्य के शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता के विजेता रही चुकल छथि। ओतय मैथिली ठाकुर 2016 मे थारपा नामक एलबम सं अपन संगीत करियर के शुरुआत केने छथि। ओ आब बॉलीवुड मे सफल प्लेबैक सिंगर बनय चाहैत छथि।

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मैथिलि के एखन धरि संगीतक क्षेत्र मे "मैथिलि सांस्कृतिक पुरस्कार" सहित बहुते रास अवार्ड भेट चुकल अछि। मैथिली के मधुर आवाज मे यूनिवर्सल म्यूजिक के द्वारा रिकॉर्ड कैल गेल 'या रब्बा' नामक एकटा एल्बम सेहो आबि चुकल अछि।
लाखों लोगक पसंद : टीवी शो राइजिंग स्टार मे मैथिली ठाकुर दोसर स्थान पर रहलि। ओ अहि ख़िताब सं मात्र दु वोट पाछु रैह गेल छली। एकर बादो हिनका चेहरा पर मुस्कुराहट छलनी। अतेक कम उम्र मे मैथिली संगीत के उतार-चढ़ाव संग जीवनक उतार-चढ़ाव पार केनाय सेहो सीख गेली। मैथिली सब दिन फेसबुक पर अपन एकटा गाना लाइव करैत छथि और लाखों लोग हुनका सुनैत अछि, सराहैत अछि।

रविवार, 15 सितंबर 2019

तीन नयन सँ सुतला महादेव लिरिक्स - Teen Nayan Sa Sutla Mahadev Lyrics

तीन नयन सँ सुतला महादेव
सभ धन लए गेल चोर
आई हे माई, पर हे परोसिन
शिव जी के दियनु जगाइ गे माई

धन मे धन मल, बसहा बरद छल
आर छल भांगक झोरी, गे माई
खोजि-जोहि लायब बसहा बरद हम
कहाँ सँ लायब भंगझोरी, गे माई

भनहि विद्यापति गाओल
इहो थिका त्रिभुवन नाथ गे माई
कहू-कहू आहे सखि शम्भु उदेश
कतहु ने भेटला हमरो महेश

देखलहुँ शिवके घुमैत मशान
डिमडिम डमरू बसहा असवार
कहू-कहू आहे सखि शम्भु उदेश
देखलहुँ हर के घुमैत कैलाश

गले बीच विषधर, त्रिशूल भाल
कहू-कहू आहे सखि शम्भु उदेश
कार्तिक गणपति छथिन अज्ञान,
कोना हम छोड़ि शिव के खोजब मशान,
कहू-कहू आहे सखि शम्भु उदेश

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

Mauhak Geet Lyrics | महुअक काल के गीत - मैथिली महुअक गीत

● दुलहा नहु नहु बाजू ने - लिरिक्स

दुलहा नहु नहु बाजू ने, रूसल छी किए

आगा पाछा सारि सरहोजि, बीचमे विधिकरी
सोझां मे राखल अछि, महुअक केर दुइ थारी
दुलहा कनी-कनी खइयौने, रूसल छी किए
दूधक दाम सहित जोड़िकऽ, माय नेने छथि टाका
आब की मांगि रहल छी, की सिखा देने छथि काका
कनी हमरो दिस ताकू ने, रूसल छी किए
माथ लगैए चांेचा-खोता, मुँह लगैए टाड़ी
हमर कनियाँ अछि टुनमुनियां, देब आरो गारी
झट दए मूहो फोलू, रूसल छी किए


● महुअक रान्हल अछि भरि थार - लिरिक्स

महुअक रान्हल अछि भरि थार

चारू कात लागल अछि सचार
रामजी महुअक करियौ, सीता संग जनकपुर मे
सखी बदल करै छी धार
सीता जीतथि रामक हार
राम जी महुअक करियौ, सीता संग जनकपुर मे
क्यो सखि मंगल गाउ
क्यो सखि बेनियां डोलाउ
रामजी महुअक करियौ सीता संग जनकपुर मे



● खीर परोसल थाली दुलहा जल्दी  - लिरिक्स

खीर परोसल थाली दुलहा जल्दी करियौ खाली यौ

माय अहाँ के तमोलिया संगे कचरय पान सुपारी यौ
बहिन अहाँ के सोनरा संगे पहिरै कानक बाली यौ
काकी अहाँ के मड़बड़िया संगे पहिरै साड़ी यौ
पीसी अहाँक पंजबिया संगे घूमथि गाड़ी गाड़ी यौ



● आउ-आउ साजन आजु मोर अंगना - लिरिक्स

आउ-आउ साजन आजु मोर अंगना

खीर परोसल धार, भोजन कऽ लिअ ना
सासु जे ठाढ़ छथि, औंठी नेने हाथ छथि
उठि ने सकब अहां, भोजन कऽ लिअ ना
ससुर जे ठाढ़ छथि, साइकिल नेने हाथ अछि
उठि ने सकब अहां, भोजन कऽ लिअ ना

मानु मानु ओझाजी - Maithili Lokgeet

मानु मानु ओझाजी हमरो के बात यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
धान नहि उपजल झाजी, रबी के ने आस यो
दुइ चारि बेटी झाजी, भेलहुँ लचार यो
गछऽ काल मे गछि लेलहुँ, देबे काल ने भास यो
कोजगरे मे विदा कऽ देब, घड़ी साइकिल साथ यो
छोटकी जे सरि झाजी, अहीं के दान यो

बिनु अर्थक मनोरथ - Maithili Lokgeet

बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे दरभंगा बजार
घड़ी भेटय हजार
बिनु टाका के घड़ी बेसाहबै कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे मधुबनी बजार
साइकिल भेटय हजार
बिनु टाका के साइकिल बेसाहबै कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
ओ जे समस्तीपुर बजार
सूट बूट भेटय हजार
बिनु टाका के ओ सब बैसाहबे कोना
बिनु अर्थक मनोरथ पुरयबै कोना
कनक धार खीर पौरल, हुलसि हुलसि मधु ढारल हे
गौरी सऽ थार बदल करू बर सऽ परसि मांगू हे
विधिकरी बड़ होशियार झट दए आंचर पसारल हे
लगाओल लौंग अड़ांची दए पान से वर के खुआओल हे
बर बड़ा होशियार मुठियहि पान दबाओल हे
भनहि विद्यापति गाओल उचित बर गौरी पाओल हे

नगर मे पड़ल हकार - Maithili Lokgeet

नगर मे पड़ल हकार पुकार जनक ऋषिके
चलू सखि देखन जाहु नाथ रघुपति जी के
मंडिल निपब आजु पिठारक अरिपन
बैसलि जानकी साथ नाथ रघुपति जी के
खोआ दूध मिश्री दय डालल
भोजन करू शिव आज लाज नहि मानिय
भनहि विद्यापित गाओल फल पाओल
धन गौरी के भाग सुन्दर बर पाओल

थारक भात सेरायल - Maithili Lokgeet

थारक भात सेरायल वर रूसल
गौरी गेली उठाबऽ करहु हर भोजन
आँख गुरड़ि वर ताकल गौरी के डांटल
आनु गऽ आंक धतुर करब हम भोजन
भनहि विद्यापति गाओल फल पाओल
धन गौरी के भाग, बताह बड़ पाओल



महुअक करऽ वर चललाह - Maithili Lokgeet

महुअक करऽ वर चललाह, वर चललाह हे
दुनू दिस अरिपन जोड़ि, कन्या वर बैसाओल
खीरियो ने खाइ छथि सुन्दर वर, खिर केँटारय
कहियनु गऽ हे ससुर के, खीरियो ने खाइ छथि हे
खीर खाउ-खीड़ खाउ, सुन्दर वर हे महुअक करू हे
अँउठी जे देबनि गढ़ाय, सुन्दर वर करू महुअक हे
सासु ससुर के मनाओल हे, मोहर तोरि गढ़ाएब
ननुआ जमाए हे
भनहि विद्यापति गाओल, फल पाओल
धन गौरी केर भाग, सुन्दर वर पाओल

शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

सात समंदर पार काजल कर्ण जिंदा रखलनी अपन भाषा, 'श्रीमद्भागवत गीता' के मैथिली मे केलनि अनुवाद

मिथिलांचल के लोग आब गूगल पर सेहो अपन भाषा मे गीता पैढ़ और देख सकैत छथि। ऑनलाइन 'श्रीमद्भागवत गीता' के मैथिली मे अनुवाद अमेरिका के टेक्सास शहर मे रहय वाली काजल कर्ण केलनि अछि। गीता के ओना त कतेको भाषा मे अनुवाद भ चुकल अछि, मुदा अमेरिका मे पहिल बेर कुनो धार्मिक ग्रंथ के मैथिली भाषा मे अनुवाद भेल अछि। मैथिली 'श्रीमद्भागवत गीता' आम लोगक लेल अमेजन पर उपलब्ध अछि। अहि पुस्तक के अमेजन पर साढ़े चाइर रेटिंग भेंटल अछि। 'श्रीमद्भागवत गीता' के मैथिली मे अनुवाद केनिहार काजल कर्ण जनकपुर (नेपाल) के रहय वाली छथि और पटना मे हिनक नानिगाम छनि। काजल अमेरिका मे अपन पति के संग 'मैथिली दिवा' नाम सं एकटा संस्था चलाबय छथि।

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अहिसं पहिले हिंदी, सहित कतेको भाषा मे एकर अनुवाद भ चुकल अछि। अहि  पुस्तक मे मिथिला के संस्कृति के सेहो उकेरल गेल अछि। पुस्तक कतेको पन्ना पर मिथिला पेंटिंग शैली मे चित्र सेहो अछि। पुस्तक के कवर पेज पर कुरुक्षेत्र के चित्रण कैल गेल अछि, ओहो मिथिला शैली मे अछि।
काजल कर्ण के दिलचस्पी गीत आ नृत्य मे सेहो छनि। अहिमे महाभारत के छ प्रसंग के मिथिला पेंटिंग के माध्यम सेहो बतायल गेल अछि। पहिल चित्र मे भगवान कृष्ण, अर्जुन के उपदेश द रहल छथि। हिनकर गीत और वीडियो यूट्यूब पर सेहो लोकप्रिय अछि। 'श्रीमद्भागवत गीता' के मैथिली संस्करण अनवा पर काजल के सराहना भ रहल छनि।